जयपुर। चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी पर पार्टी के खिलाफ काम करने को लेकर गाज गिर सकती है। सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुए जिला प्रमुख चुनावों में उनके द्वारा पार्टी के खिलाफ जाकर काम करने को आधार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोलंकी के इलाके से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आए जिला परिषद के सदस्य पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए। यहां तक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी रमा देवी तो बीजेपी की जिला प्रमुख बन गई। बताया जा रहा है कि सोलंकी की शह से ही सारा काम हुआ है। सभी जिला परिषद सदस्य सोलंकी के इलाके के है और उनके कहने से ही पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था। सोलंकी को पहले ही दिन से इस खेल का पता था लेकिन क्योंकि शुरु से ही सोलंकी कांग्रेस के नेताओं को इस मामले में पटखनी देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज समझे जाने वाले नेताओँ को पटखनी दे दी। बताया जा रहा है कि पहले दिन से ही सोलंकी पायलट खेमे में है और इसलिए वे खुले आम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुखालफत भी करते है। आए दिन पार्टी के खिलाफ और गहलोत और उऩके मंत्रिमंडल के सदस्यों के खिलाफ सोलंकी मोर्चा खोलते रहते है। ऐसे में सोलंकी विरोधी गुट का इस मामले में उनके खिलाफ मोर्चा खोलने का और अवसर मिल गया। लेकिन पार्टी की गुटबाजी में कांग्रेस ने जयपुर में जीती हुई बाजी हार गए। सोलंकी के खिलाफ पार्टी के नेताओं का एक गुट आला कमान को लिखित में शिकायत कर चुका है। ऐसे में सोलंकी से जबाव तो लिया ही जाना तय है। हालांकि इस पूरे एपिसोड़ में उनकी मंत्रिमंडल में शामिल होने का सपना जरुर टूट गया है। क्योंकि अब यदि मंत्रिमंडल विस्तार भी होगा तो भी सोलंकी पायलट गुट से मंत्री तो नहीं बन सकेंगे। पार्टी के नेता लगातार सोलंकी से चुनाव के दिन लगातार संपर्क साध रहे थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने न तो पार्टी नेताओं से बात की और न ही बुलाने पर आए। ऐसे में विरोधियों को मौका मिल गया और सभी मिलकर पार्टी आलाकमान से उनकी शिकायत कर रहे है। माना जा रहा है कि पार्टी सोलंकी से सवाल जवाब कर सकती है। हालांकि वेदप्रकाश सोलंकी का कहना है कि मैंने पूरे विषय की जानकारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद पार्टी के नेताओं की ढिला रवैया रहा । जिसके चलते पार्टी के पार्षद पार्टी छोड़कर चले गए।