कभी जिसके नाम से कांपती थी सरहदें, आज खुद डर के साए में!
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क -मुनेश धाकरे की रिपोर्ट
धौलपुर और उसके आसपास के इलाकों में एक समय था, जब ‘जगन गुर्जर’ नाम सुनते ही लोगों के पसीने छूट जाते थे। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा तक इस कुख्यात डकैत का आतंक फैला हुआ था। पुलिस के लिए सिरदर्द बने जगन पर सवा लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसकी दहाड़ सुनकर अच्छे-अच्छों की बोलती बंद हो जाती थी। लेकिन वक़्त का पहिया घूमा, और अब उसी जगन गुर्जर के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर शायद किसी को यकीन नहीं होगा।
कभी दूसरों को डराने वाला जगन गुर्जर अब खुद डर के साए में जी रहा है। यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब जगन खुद थाने पहुंचा और पुलिस को एक लिखित शिकायत दी। शिकायत में उसने बताया कि बीते दिन सुबह करीब 10 बजे वह बाड़ी कस्बे के गुमट मोहल्ले स्थित अपने घर में आराम कर रहा था। तभी उसके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से दो-तीन बार कॉल आई।
जब जगन ने फोन उठाया, तो दूसरी तरफ से गंदी-गंदी गालियां और जान से मारने की धमकी मिली। कॉलर ने अपना नाम रिंकू बताया, जो शंकर गुर्जर का बेटा है और धौंसपुर, थाना कंचनपुर का रहने वाला है।
कभी बंदूक की गोलियों की आवाज से इलाका थर्राने वाला जगन गुर्जर आज मोबाइल फोन पर मिली धमकी से परेशान होकर पुलिस की शरण में आया है। अपनी तहरीर में उसने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न सिर्फ जगन गुर्जर के जीवन में आए बदलाव को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समय कितना बलवान है। कभी जिसके नाम से लोग थर-थर कांपते थे, आज वही शख्स कानून का सहारा ले रहा है। यह खबर सुनकर इलाके के लोग हैरान हैं। क्या वाकई में अपराध की दुनिया से जगन का नाता टूट चुका है? या फिर यह किसी नई कहानी की शुरुआत है? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल, यह घटना धौलपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है।१