श्री गिरनार जैन तीर्थ मुद्दे पर अपना पक्ष रखने पर जैन युवा संघ ने अखिलेश यादव का जताया आभार

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जैन युवा एकता संघ ने अखिल अखिलेश यादव का जताया आभार
केंद्र सरकार से मांग गिरनार, बद्रीनाथ, तिरुपति बालाजी सहित जिन जैन तीर्थों पर कब्जे हुए उनका सर्वे कराया जाए – बिट्टू

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

जयपुर। देश में अगर अल्पसंख्यक है तो वह जैन समाज है केंद्र से अल्पसंख्यक का दर्जा भी मिल चुका है किंतु इसके बावजूद जैन तीर्थ स्थलों, मंदिरों पर कब्जे और पद विहार करते साधु-साध्वी और समाज के श्रावक-श्राविकाओं पर अत्याचार और गुंडागर्दी बंद  होने का नाम नहीं ले रहे है। जिसको लेकर समाज लगातार अपना विरोध भी दर्ज करवाता आ रहा है किंतु कार्यवाही नहीं होने के चलते बेहद आक्रोशित भी है। शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जैन समाज की पीड़ा को समझते हुए एक्स पर ट्वीट के जरिए जैन तीर्थ स्थलों और मंदिरों को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया और समाज को अपनी परंपरागत पूजा, उपासना का संविधान सम्मत अधिकार दिए जाने की मांग रखी। जिस पर अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अखिलेश यादव का साथ देने के लिए आभार व्यक्त किया।

एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पहली बार किसी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहल कर जैन समाज का पक्ष रखा है और समाज की पीड़ाओं को अपनी समझने का प्रयास किया है, अन्यथा अब तक समाज का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा था और काम निकलते ही ” दूध में पड़ी मख्खी की तरह फेंका जा रहा है। ” जैन समाज अहिंसक समाज है और सदैव शांति की प्रार्थना करता है कभी हिंसा में विश्वास नहीं रखता, जिसका फायद देश में पनप रहे असामाजिक तत्व उठा रहे है और विभिन्न राजनीतिक दलों के संरक्षण के चलते उन पर कार्यवाही नहीं हो रही है। गिरनार में भी एक असामाजिक तत्व पनप रहा है जो दिल्ली से पूर्व सांसद भी रह चुका है और भाजपा का नेता है, इन्होंने एक साल पहले गिरनार पर एक सभा कर खुलेआम जैन समाज और साधुओं को जान से मारने की धमकी दी थी शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद आजतक कार्यवाही नहीं हुई, 2013 में उन्ही असामाजिक तत्वों ने मुनि प्रबल सागर महाराज पर कातिलाना हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था ,उस दौरान भी कार्यवाही नहीं हुई थी। अब भी गिरनार तीर्थ पर जैन साधुओं और श्रावकों को दर्शन, पूजन करने से रोका जा रहा है, जो जाता है उनके साथ मार पिटाई करते है, अर्घ चढ़ाने नहीं देते है और श्रावकों से उनके पैसे लुट लेते है,  नमोकर जाप तक करने नहीं दिया जा रहा है। जिससे समाज में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है, अखिलेश यादव ने जैन समाज की पीड़ाओं को समझा हम उनको साधुवाद करते है।

*श्री गिरनार, ब्रदीनाथ, तिरुपति बालाजी सही जिन जैन तीर्थों पर असामाजिक तत्वों ने कब्जा जमाया हुआ है उनका भी हो सर्वे*

अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि केंद्र सरकार हिन्दू मंदिरों को बचाने के लिए प्रयास में जुटी हुई है। इसी के तहत मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने के दावे कर रही है, जिसकी वह जांच और सर्वे करवा रही है जो अच्छी बात है। जैन समाज भी केंद्र सरकार से मांग करता है कि गिरनार, ब्रदीनाथ, तिरुपति बालाजी सहित उन सभी जैन तीर्थों की भी जांच और सर्वे करवाया जाए जिन पर असामाजिक तत्वों ने पिछले काफी वर्षों से कब्जा जमाया हुआ है।

*अपनी एक्स पोस्ट पर यह लिखा था अखिलेश यादव ने*

देश भर के जैन समाज में इस बात को लेकर बेहद आक्रोश है कि उनके पूजा स्थलों और तीर्थों को कुछ बहुसंख्यक प्रभुत्ववादी लोग लगातार अपने क़ब्ज़े में लेते जा रहे हैं। ऐसे कुप्रयासों से शांतिप्रिय, अहिंसक अल्पसंख्यक जैन समाज में चतुर्दिक असंतोष जन्म ले रहा है।

एक विशेष दल का राजनीतिक प्रश्रय पाकर जो लोग अपनी पूजा पद्धति और कर्मकांड जैन उपासना स्थलों पर थोपना चाहते हैं, उनकी मंशा जैन समाज समझ रहा है।

ये भारत की विविधता के विरूद्ध एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है जिसमें गुजरात के गिरनार से लेकर शिखरजी तक देश भर के कई अन्य जैन तीर्थस्थलों पर भी कुछ लोग कुदृष्टि लगाये बैठे हैं।

जैन समाज के तीर्थ स्थलों व मंदिरों को बचाने के लिए सबको एकजुट होना चाहिए। हमारी माँग है कि हर अल्पसंख्यक समाज को अपनी परंपरागत पूजा, उपासना का अधिकार है।

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