लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
धौलपुर। (मुनेश धाकरे ) जिले में हुई भारी बारिश और अतिवृष्टि ने जो हालात पैदा किए हैं.इसके बाद चंहुओर पानी ही पानी नजर आ रहा हैं.ऐसी ही एक तस्वीर सैपऊ उप खंड इलाके से सामने आई है। जहां कैंथरी में बीती रात अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की मौत होने पर उसे दफनाने के लिए जमीन कम पड़ गई। यानि कब्रिस्तान और पूरे गांव की जमीन पर कई फ़ीट पानी भरे होने की वजह से मृतक के अंतिम संस्कार के लिए सूखी जमीन नही मिली। परिजनों ने कई घंटे तक सूखी जमीन की तलाश की,लेकिन जमीन नहीं मिली। मृतक के परिजनों ने गांव से 6 किलोमीटर दूर सैंपऊ उपखंड मुख्यालय स्थित कब्रिस्तान में दफनाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने आपात स्थिति को देखते हुए शव दफनाने की सहमति दे दी लेकिन परिवार के लोगों में बाहर शव ले जाने पर मतभेद पैदा हो गया और गांव में ही अंतिम संस्कार करने की कोशिश में कब्र खोदने के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश की गई।
बता दें कि कैंथरी गांव के रहने वाले मुन्ना पुत्र छिद्दा खान की बीती रात अचानक मौत हो गई। सुबह शव दफनाने के लिए परिजन और रिश्तेदार एकत्रित हुए तो सभी की जुबां पर शव दफनाने की चिंता थी। लेकिन कब्रिस्तान में पानी भर जाने से मुर्दे को दफनाने के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई। मृतक के परिजनों के द्वारा उपखंड मुख्यालय सैंपऊ पर अपने रिश्तेदारों एवं समाज के लोगों को आपात स्थिति से अवगत कराया तो स्थानीय लोगों ने सहमति देते हुए शव सैंपऊ लाने को कहा, लेकिन परिवार और रिश्तेदारों के द्वारा मृतक का पूर्वजों के पास ही दफनाने को लेकर अड़ जाने पर उपयुक्त जमीन की तलाश की गई। परिजनों ने गांव में दो खेतों के बीच मेढ़ पर कब्र खोदने से पहले मेढ़ बंदी की गई.कब्र खोदना शुरू किया तो जमीन के अंदर से लगातार पानी रिसता रहा। पानी रोकने के लिए कब्र के चारों तरफ दो फीट मिट्टी डालकर दीवार तैयार की गई। इसके बाद परिजन शव को घर से दफनाने के लिए खेतों में ले गए। अंतिम यात्रा में शामिल लोग खेतों में भर पानी से निकलते हुए बड़ी मुश्किल से शव दफनाने वाली जगह पहुंचे और मृतक के पार्थिव शरीर को मिट्टी दी गई।