जेकेके में तीन दिवसीय सुर ताल उत्सव का शुभारंभ

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर,।(आर एन सांवरिया) डेल्फीक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को तीन दिवसीय उत्सव ‘सुर ताल’ का शुभारंभ जवाहर कला केंद्र में हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि हैड ऑफ़ फोरस्ट फ़ोर्स अरिजीत बनर्जी, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आईएस संदीप वर्मा रहें। 6 से 8 सितंबर तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत प्रख्यात फोटोग्राफर शिरीष कर्राले की फोटोग्राफी वर्कशॉप से हुई जहाँ प्रतिभागियों ने प्रैक्टिकल फोटोग्राफी के गुर सीखे I

पहले दिन महोत्सव की संगीत संध्या में मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रीतम सिंह और विशिष्ट अतिथि कला प्रेमी कमला पोद्धार रहीं। गुजरात के आचार्य रणछोड़ गोस्वामी द्वारा राधा कृष्ण को समर्पित हवेली संगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी जिसमें आचार्य रणछोड़ गोस्वामी के साथ सारंगी पर अर्पित, पखावज पर हिरेन, तानपुरा पर अंकुर सोनी ने शास्त्रीय संगीत ध्रुवपद और धमार द्वारा श्री कृष्ण भक्ति रस के पदों का मधुर गायन किया गया। कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर द्वारा निर्देशित विभिन्न शास्त्रीय नृत्यों पर आधारित नृत्य फ्यूज़न वाइब्रेन्ट इंडिया रही जिसमें करीब 30 कलाकारों नें ओडीसी, भरतनाटयम, मोहनीअटम, छाऊ, सूफियाना, सहित देश की विभिन्न नृत्य विधाओं को एक सूत्र में बाँध कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। प्रस्तुति में जब विभिन्न शास्त्रीय नृत्य के साथ साथ राजस्थान के घूमर, मणिपुर के पुंग ढोल चोलम और गरबा जैसे लोक नृत्यओं का तालमेल हुआ तो दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर हो गए | अंत में जब सभी कलाकार एक साथ मंच पर आए तब दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों ने अभिनंदन किया ।

राजस्थान डेल्फीक काउंसिल की अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आईएस अधिकारी श्रेया गुहा ने बताया कि काउन्सिल गत तीन वर्षों में प्रदेश में युवाओं को राज्य की लोक, कला, संगीत की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में सफल रही है। काउंसिल द्वारा आयोजित इस सुर-ताल उत्सव में संगीत, नृत्य, ग़ज़ल गायन आदि कलाओं की आकर्षक प्रस्तुतियां दी जा रही है । उन्होंने कहा कि काउंसिल द्वारा कला प्रेमियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत इस उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिससे अधिकाधिक क्षेत्रीय संस्कृतियों, कलाओं, विरासतों और परम्पराओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
महोत्सव में दूसरे दिन सौरव वशिष्ठ द्वारा शास्त्रीय गायन और ओडीसी नृत्य की प्रस्तुति होंगी।
इस अवसर पर पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक मो. फुरकान खान, आईएएस अधिकारी डॉ मनीषा अरोड़ा, काउन्सिल के सदस्य आरएएस अधिकारी शिप्रा शर्मा, कीर्ति शर्मा, नवीन त्रिपाठी, राहुल सूद भी उपस्थित रहें।

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