आज गणेशजी महाराज के बाहर नहीं चढ़ा बाहर प्रसाद

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

जयपुर । धार्मिक संवाददात प्रथम पूज्य श्री गणेश जी को आज मोती डूंगरी गणेश मंदिर में रत्न जड़ित मुकुट पहनाया गया और सवा मोदकों की झांकी सजाई गई। मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में गणेश चतुर्थी महोत्सव में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा जो देर रात तक जारी रहेगा । महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि आज सुबह प्रातः 5 बजे गणेशजी महाराज के मोदकों के भोग के साथ मंगला आरती हुई। इसके साथ ही भक्तों के लिए गणेशजी महाराज के दर्शन शुरू हो गए। बुधवार को भगवान श्री गणेशजी महाराज को माणक व पन्ना जड़ित विशेष मुकुट धारण करवाया गया। बुधवार को गणेशजी महाराज के बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा।


मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि भगवान श्री गणेशजी महाराज के मोदकों की झांकी में 251 किलो के 2 मोदक, 200 किलो के दो मुख्य मोदक चढ़ाए। इसके अलावा 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के, 1100 मोदक 1.25 किलो के और अन्य छोटे मोदक भेंट किए। भगवान गणेशजी महाराज फूलों के झरोखे में विराजमान हुए। प्रसाद बनाने में करीब 150 हलवाईयो ने दो शिफ्ट में काम किया है।

251 -251 किलो के चढ़ाए दो मोदक

वैसे आपने आमतौर पर 100 ग्राम या 200 ग्राम का लड्डू देखा होगा। लेकिन जयपुर के अति प्राचीन मंदिर मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पिछले कई सालों से 251- 251 किलो के दो बड़े मोदक चढ़ाए जाते हैं । इन मोदकों में पूरी की पूरी बारात जीम सकती है। दो मोदक 200 किलो के चढ़ाए गए। इसके अलावा 101 किलो ,51 -51 किलो, 21 किलो के मोदक भी चढ़ाए गए । विशालकाय मोदकों को देखकर खासतौर पर हर आदमी अचंभित हो जाता है कि इनको बनाया कैसे गया होगा? इनको बनाने में कितना समय लगा? महंत कैलाश जी का कहना है कि यहां के जो हलवाई है पिछले लंबे समय से इस काम को करते हैं। उनको समय भी लगता है और इसमें सामग्री बेसन, घी, चीनी ड्राई फ्रूट्स भी बहुत सारे लगते हैं । इन दो बड़े विशालकाय मोदको का प्रसाद मुख्यमंत्री, राज्यपाल, दोनों उपमुख्यमंत्री, जयपुर राज परिवार, अन्य के यहां भिजवाया जाता है।

सवेरे से लेकर देर रात तक लाखों श्रद्धालु करते हैं दर्शन

जयपुर में जितनी मान्यता श्री गोविंद देव जी मंदिर की है, उतनी ही मान्यता यहां पर मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर की है। मोती डूंगरी श्री गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी की पूर्व रात्रि को रात 12:00 बजे से ही श्रद्धालुओं का डीजे की धुन पर नाचते गाते पहुंचने का सिलसिला शुरू होता है। जो गणेश चतुर्थी के दिन देर रात तक चलता है । ट्रैफिक की विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है। मंदिर कमेटी की ओर से सैकड़ो स्वयंसेवक काम करते हैं, जो मंदिर में व्यवस्था बनाते हैं। पुलिस का स्पेशल जाप्ता तैनात रहा । जेएलएन मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए महिलाओं पुरुषों की अलग-अलग लाइन में बनाई जाती है । परिवार सहित जाने वालों के लिए अलग लाइन है जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई लोग आसानी से दर्शन करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। लड्डुओं की झांकी के दर्शन के लिए भी आज लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं श्रद्धालुओं में प्रसाद लेने और गणेश जी के दर्शन करने की कोर्ट रहती है

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