लोक टुडे न्यूज नेटवर्क


कामां। (हरिओम मीणा ) आदिवृंदावन कामवन की पंचकोसी परिक्रमा वुधवार को कस्बे के मंदिर श्री राधावल्लभ जी से बैंड बाजों व दूरदराज़ से आने वाले भक्तों की मौजूदगी में मंदिर श्री गोविन्द देव जी पहुंची । जहां पर कथावाचक अनिल कौशिक द्वारा वृदाष्टक का महात्म सुनाते हुए भक्तों को बताया कि वृंदा देवी ,गोविंद देव जी की प्रतिमा कब स्थापित की गई। यात्रा कस्बे के प्रमुख पड़ावों से गुजरती हुई तीर्थराज विमल कुंड पहुंची, जहां पर कथावाचक मूलचंद कौशिक उर्फ जोनी भैया द्वारा पंचकोसी परिक्रमा का महात्म सुनाते हुए बताया गया कि तीर्थराज महाराज की अद्भुत महिमा है इस विमल कुंड में दशहरा के अवसर पर जो प्रातः काल स्नान करता है वो बैकुंठ को प्राप्त होता है। यात्रा में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी काफी संख्या में दूरदराज़ से आएं भक्त गण यात्रा का आनंद लें रहे हैं।

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