— डूंगरी खुर्द बस स्टेंड से अभयपुरा तक सुसज्जित वाहन में निकली शवयात्रा
— शवयात्रा में उमड़ा जनसैलाब, शहीद बलबीर सिंह अमर रहे से गूंजा आसमान
— विधायक विद्याधर सिंह, एसडीएम अभिमन्यु सिंह, तहसीलदार ममता यादव रहे मौजूद

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

किशनगढ़ रेनवाल। (नवीन कुमावत, वरिष्ठ संवाददाता )।
” बलबीर सिंह मीणा अमर रहे..अमर रहे ” के नारों से डूंगरी खुर्द क्षेत्र गुरुवार को गुंजायमान हो गया। रेनवाल क्षेत्र के डूंगरी खुर्द (अभयपुरा) गांव निवासी बीएसएफ के जवान बलबीर सिंह मीणा के छत्तीसगढ़ में ड्यूटी के दौरान कार्य करते हुए शहीद होने के बाद गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव अभयपुरा पहुंचा।

इससे पहले उनके शव को आमेर के चौंप बिलौंची गांव में बीएसएफ के कैंप में सम्मानपूर्वक रखा गया था। जहां से गुरुवार की सुबह सुसज्जित सेना के वाहन में रवाना होकर डूंगरी खुर्द बस स्टेंड लाया गया, वहां से शवयात्रा रवाना हुई।

शवयात्रा में लोगों का हुजूम
शवयात्रा में हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। शहीद की शवयात्रा में डूंगरी खुर्द बस स्टेंड से लेकर अभयपुरा गांव तक जगह जगह लोगों ने शवयात्रा पर पुष्प वर्षा की। शवयात्रा में फुलेरा विधायक विद्याधर सिंह चौधरी, उपखण्ड अधिकारी कि.रेनवाल अभिमन्यु सिंह कुंतल, तहसीलदार ममता यादव, नगर पालिका अध्यक्ष अमित कुमार जैन, जागरूक युवा नेता सुरेश पूनिया, सरपंच बाबूलाल टोडावता, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष श्रवण डीडल, रेनवाल थानाधिकारी सुरेन्द्र कुमार सहित कई जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम शामिल रहा।


शहीद बलबीर सिंह मीणा का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया। उनके पिता गिरधारीलाल मीणा, मां पताशी देवी, पत्नी विमला देवी, दोनों पुत्री, पुत्र चेतन सिंह मीणा, बड़े भाई के लड़के लक्ष्मण मीणा सहित सभी परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। शहीद बलबीर सिंह मीणा के पैतृक गांव अभयपुरा में सरकारी स्कूल के पास खाली भूमि पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पुत्र चेतन सिंह मीणा ने शव को मुखाग्नि दी। इस दौरान एक बार फिर से उपस्थित जन समूह ने “बलबीर सिंह मीणा अमर रहे ” के नारे लगाए।

ये हुई थी घटना :
गौरतलब है कि शाहिद बलबीर सिंह मीणा पुत्र गिरधारी लाल मीणा छत्तीसगढ़ में बीएसएफ की 178 यूनिट में पदस्थ थे। घटना के अनुसार बीएसएफ के भूसकी कैंप में सैनिक बलबीर सिंह कैंपस सिक्योरिटी के लिए बिजली उपकरणों का मरम्मत कार्य कर रहे थे, कि समय अचानक हाईटेंशन लाइन का करंट लगने से घायल हो गए। उन्हें गम्भीर हालत में दुर्गकोदल सीएचसी लाया गया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

इनका रहा समन्वय :
रेनवाल क्षेत्र में जागरूक युवा की पहचान बना चुके, कांग्रेस आईटी सेल के कार्यकर्ता सुरेश कुमार पूनिया ने इस मामले में दिल से समन्वयक की भूमिका निभाई। बलबीर सिंह मीणा की दुर्घटना में मौत की खबर “भारत बंद प्रकरण” के चलते जिला प्रशासन को मिल नहीं पाई। छत्तीसगढ़ से ई मेल की गई,लेकिन सभी व्यस्त होने के चलते देख नहीं पाए। इसके बाद पुनिया के परिचित छत्तीसगढ़ में ही कार्यरत सीआई लालचंद ने उन्हें ये सूचना दी। इसके बाद सुरेश पूनिया ने रेनवाल एसडीएम अभिमन्यु सिंह और एसपी शांतनु कुमार को ये सूचना दी। शव को लाने वाली टीम, जिला प्रशासन और परिजनों में शहीद के भतीजे लक्ष्मण मीणा के बीच उन्होंने समन्वयक की महती भूमिका निभाई।

परिजनों का रो – रोकर बुरा हाल :
शहीद बलबीर सिंह मीणा के पिता गिरधारीलाल मीणा , मां पतासी देवी, पत्नी विमला देवी, और तीन भाई हैं, जिनका रो -रोकर बुरा हाल है। शहीद के दो पुत्रियां और एक पुत्र हैं। भतीजे लक्ष्मण मीणा सहित इन सभी का इस घटना के बाद रो रोकर बुरा हाल है।

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