अजमेर ।(नितिन मेहरा वरिष्ठ संवाददाता )अजमेर पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने गुर्जर समाज की प्रमुख मांग MBC आरक्षण विधेयक को संविधान की नवी सूची में शामिल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने भाजपा के खिलाफ आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने गुर्जर समाज से सिर्फ वादा खिलाफी की और चुनावी फायदे उठाए, लेकिन गुर्जर समाज की मांग को अब तक लटकाए रखा है, जो गुर्जर समाज के साथ छलावा है। पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि गुर्जर समाज ने वर्षों के संघर्ष और 73 भाइयों के बलिदान के बाद MBC आरक्षण का अधिकार प्राप्त किया था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्षों से MBC विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया और इसे लटकाए रखा, जिसके कारण आज इस पर सुप्रीम कोर्ट में तलवार लटक गई हैं। पिछले 10 साल से भाजपा नेता SBC व MBC आरक्षण विधेयक को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करवाने का वायदे पर वायदा कर लोकसभा चुनाव 2014, 2019, 2024 में वोट मांगते आ रहे हैं। पर अभी तक MBC आरक्षण विधेयक संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल नहीं करा पाए हैं । Pउधर केंद्र की भाजपा सरकार से गुर्जर समाज लगातार इस जायज़ मांग को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग करता आ रहा हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि गुर्जर समाज के युवाओं की बड़ी शहादत और देश के बड़े आंदोलनकारी क़ौम को भाजपा सरकार ने वोट बैंक समझा। उल्लेखनीय हैं कि 22 फ़रवरी 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा से MBC आरक्षण विधेयक पारित कराकर एवं संकल्प पत्र केन्द्र सरकार को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए भेज दिया गया था। अब भाजपा की सरकार को जगाने का समय आ गया है। इसलिए केंद्र सरकार से मेरी पुरजोर मांग है कि MBC आरक्षण विधेयक को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कराकर सुरक्षा चक्र प्रदान की जाए।
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