कांग्रेस अपनी जड़ों की तरफ लौटने लगी
प्रियंका का फार्मूला अपनाया तो आने वाले समय मे मिलेगा लाभ , कांग्रेस ने की सोशल इंजीनियरिंग
कांग्रेस को सोशल इंजिनियरिंग से फायदे की उम्मीद
जयपुर। राजस्थान में कई सालों से कांग्रेस की सरकार बनती रही है लेकिन पहली बार कांग्रेस के मूल वोट बैंक एससी, एसटी, अल्पसंख्यक और जाट वर्ग का विशेष ख्याल रखा गया है । मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से पहली बार एससी के 4 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। एसटी के 3 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। जाट समाज से 4 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। गुर्जर समाज से 1 कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री बनाए गए है । राजपूत समाज से 1 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। ब्राह्मण समाज से 3 कैबिनेट मंत्री है । अल्पसंख्यक वर्ग से 1 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री है। अऩ्य जातियों का भी ख्याल रखा गया है। तो ऐसे में यह माना जा सकता है कि सरकार की कवायद आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद यह मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। इसमें जिस तरह से सोशल इंजीनियरिंग की गई है। उसमें सभी वर्गों को और सभी कार्यकर्ताओं को समायोजित करने का प्रयास किया गया है।
जिनको विस्तार में जगह नहीं मिली उन्हें भी मिलेगी सत्ता में भागीदारी
एससी, एसटी ,ओबीसी, माइनॉरिटी सबको इसमें नेतृत्व देने का प्रयास किया गया है। जिससे इन वर्गों के लोगों को लगे इनकी सत्ता में सीधी भागीदारी है। हालांकि इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी हैं ,कुछ वर्ग ,जाति के लोग ऐसे भी हैं जो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सके तो , माना जा रहा है कि उन्हें आने वाले एक-दो दिन में मुख्यमंत्री के सलाहकार, पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी ,बोर्ड कॉरपोरेशन के चेयरमैन में खपा दिया जाएगा। जिससे उनके समाज के वोटों का समर्थन कांग्रेस को मिल सके। कांग्रेस पार्टी के नेताओँ ने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए सभी वर्गों और जातियों को साधने के साथ- साथ क्षेत्रीयता का भी पूरा ख्याल रखा है। जिससे यह पार्टी फिर से वर्ष 2023 में सरकार बन सके।
गहलोत बोले सोशल इंजिनियरिंग में रखा सबका ख्याल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के लिए सभी वर्गों को समायोजित किया गया है। जो जिले या जो वर्ग इसमें रह गए उन्हें आने वाले समय में समायोजित करने का प्रयास किया जाएगा । हमारा प्रयास है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सरकार बने। इसके लिए बेहतर तरीके से सोशल इंजिनियरिंग की गई है। सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। जो बच गए उन्हें भी सत्ता में भागीदारी दी जाएगी।
पायलट ने कहा जो मूल वोट बैंक है वो सत्ता से दूर क्यूं
सचिन पायलट भी यही बात दोहराते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह पहली मर्तबा है जब कांग्रेस पार्टी ने एससी वर्ग के 4 कैबिनेट मंत्री बनाए हैं। जबकि एससी वर्ग कांग्रेस का सबसे बड़ा वोट बैंक रहा है । अल्पसंख्यक कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा वोट बैंक रहाहै। इसके बावजूद इन्हें ज्यादा तरजीह नहीं मिली है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से अपने अपने मूल वोट बैंक को संभाला है उन्हें मान- सम्मान दिया है , तो इसका फायदा निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी को आने वाले चुनाव में जरूर मिलेगा। जाट समाज के 4 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं । जाट समाज कांग्रेस के साथ रहा है । इन सभी का फायदा कांग्रेस को मिलेगा।ऐसा लग रहा है कांग्रेस ने जड़ों को याद कर रही है। जहां-जहां भी कांग्रेस पार्टी ने अपने मूल वोट बैंक को खोया है , वहीं पर कांग्रेस पार्टी सत्ता से दूर होती चली गई। इसलिए कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अब पुराने ढ़र्रे पर लौट रही है। जिससे दूसरी पार्टियों को भी मौका नहीं लग सके। कांग्रेस के मूल वोट बैंक जो कभी बसपा, सपा या अन्य दलों का दामन थामकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाता है उसे रोका जा सके। राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में पार्टी के नेताओं ने पार्टी के मूल वोट बैंक को पार्टी से फिर से जोड़ने की कोशिश की है। देखना ये है कि कांग्रेस को इसका फायदा कितना मिलता है। या फिर ये सब कवायद ढाक के तीन पात साबित होती है। फिलहाल तो कांग्रेस के तमाम नेता इस कवायद से काफी खुश है।