जयपुर। ( डा. अनीष व्यास ) दीपोत्सव को लेकर घरों और घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तैयारियां जोरों से है किस तरह से मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाए और कब मां लक्ष्मी की पूजा की जाए जिससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। इस दिन किसी भी समय पूजन कर सकते हैं लेकिन प्रदोष काल से लेकर निशाकाल तक समय शुभ होता है। जो इस दिन बही बसना पूजन करने हैं। उनको ही राहु काल का विचार करना चाहिए, जो लोग सिर्फ गणेश लक्ष्मी जी का पूजन करें उनको विचार नहीं करना चाहिए, क्योंकि अमावस्या तिथि पर राहु काल का दोष नहीं होता।
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त
अमावस्या आरंभ – 24 अक्टूबर को शाम 05.27 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर को शाम 04.18 बजे
दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त – शाम 06:54 से रात्रि 08:16 तक
प्रदोष लग्न:- सायं 05ः48 से रात्रि 08ः22 तक
वृषलग्न :- सायं 07ः02 से रात्रि 08ः59 तक
महानिशीथ काल मुहूर्त
सिंहलग्न :- मध्यरात्रि 01ः32 से अंतरात्रि 03ः48 तक
व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजन मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त ‘अभिजित – प्रातः 11ः48 से दोपहर 12ः33 तक
धनु लग्न मुहूर्त्त – धनु लग्न- प्रात: 10:47 से देपहर 12:52 तक
मकर लग्न- दोपहर 12:53 से दोपहर 2:35 तक
कुम्भ लग्न- दोपहर 2:36 से दोपहर 4:4 तक
गृहस्थों के लिए पूजन मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त – शाम 06:54 से रात्रि 08:16 तक
प्रदोष लग्न:- सायं 05ः48 से रात्रि 08ः22 तक
वृषलग्न :- सायं 07ः02 से रात्रि 08ः59 तक
दिवाकाल का श्रेष्ठ समय
अमृत का चौघड़िया:- प्रातः 06ः35 से प्रातः 07ः59,
शुभ का चौघड़िया प्रातः 09ः23 से प्रातः 10ः47,
चर-लाभ-अमृत का चौघड़िया दोपहर 01ः35 से सायं 05ः47 तक
रात्रि का श्रेष्ठ समय
चर का चौघड़िया :- सायं 05ः47 से सायं 07ः23 तक,
लाभ का चौघड़िया रात्रि 10ः35 से मध्यरात्रि 12ः11 तक,
शुभ-अमृत-चर का चौघड़िया मध्यरात्रि 01ः47 से अंतरात्रि 04ः14 तक
सोमवार को प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक राहुकाल रहेगा।