जयपुर। राज्य सरकार ने कोरोना काल के बाद आखिरकार बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग नगण्य आने और कोरोना की दोनों डोज करीब साढ़े पांच लोग लोगों को लगने के बाद कोरोना काल में राहत देने का निर्णय सरकार ने लिया है। सरकार ने राज्य में 20 सितंबर से कक्षा से 6 से 8 वीं तक की स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। इसी के साथ कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चों के स्कूल 20 सितंबर से खोले जाएंगे। हालांकि इसमें शर्त ये रख दी की इसमें माता -पिता को ही लिखित में देना होगा कि उनके बच्चे को कोई भी तकलीफ होती है तो उसकी जिम्मेदारी स्वंय की होगी। इसके साथ ही 50 फीसदी बच्चों के साथ ही अनुमति मिलेगी। लेकिन इसके साथ ही ऑऩ लाइन क्लाशें भी जारी रहेगी।
कार्यालयों में 100 फीसदी स्टाफ
सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्योंलयों में समयानुसार 100 फीसदी स्टाफ बुलाया जा सकेगा। लेकिन स्टॅाफ द्वारा कोरोना प्रोटोकॅाल की पालना करना जरुरी होगा। विशेष तौर पर दो गज की दूरी रखनी जरुरी होगी। सैनेटाइजर का इस्तेमाल भी जरुरी होगा।
शादी समारोह में 200 मेहमानों की छूट
सरकार ने शादी समारोह में 200 मेहमानों तक की छूट दे दी है। सरकार के इस आदेश का टेंट डीलर्स एसोसिएशन सहित कई व्यापारिक संगठनों ने स्वागत किया है। बताया जा रहा है कि इससे 3 हजार करोड़ के कारोबार पर असर पड़ेगा। लोग भी अब कम से कम निकटवर्ती रिश्तेदारों को तो बुला ही सकेंगे।
स्कूलों में नहीं हो सकेगी प्रार्थना सभाएं
सरकार ने कोरोना के संभावित खतरों को देखते हुए फिलहाल स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं पर रोक लगाई है। स्कूल के प्रवेश द्वार पर भी सैनेटाइजर का प्रयोग करना होगा। दो गज की दूरी रखना स्टॅाफ के वैक्सीनेशन भी अनिवार्य होगा। स्कूल कैंटिन आदि बंद रहेंगे। नो मास्क नो एंट्री भी लागू रहेगी। स्क्रीनिंग भी अनिवार्य होगी। बच्चों के अभिभावकों को ही लिखित में देना होगा कि वे बच्चे को अपनी मर्जी से भेज रहे है।
स्वीमिंग पुल भी खोले जा सकेंगे। इसके साथ ही पशु मेले भी आयोजित किए जा सकेंगे।