जयपुर। राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की लगातार बयान बाजी से साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व राजेंद्र सिंह गुढ़ा कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह देंगे। सरकार और मंत्रियों के कामकाज को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव से पूर्व उनकी नाराजगी साफ तौर पर देखने को मिली। तब उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद मना कर ले गए थे। राज्यसभा चुनाव निपटने के बाद भी लगातार गुढ़ा हर मौके पर सरकार के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। हालत यह है कि वे खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भी बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे। जाहिर सी बात है कि वे कांग्रेस पार्टी से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं। क्योंकि वह जानते हैं की वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं जीत सकते। इसलिए उनका या तो फिर से बसपा का टिकट देने का प्रयास होगा । या फिर वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे ।अब तक का उनका इतिहास भी यही रहा है। पूर्व में भी वे बसपा से जीते थे। भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में बसपा वहां आराम से जीत जाती है। वे इस बात को अच्छे से जानते हैं की चुनाव कैसे जीता जाएगा ,क्योंकि कांग्रेस पार्टी से जुड़ कर उन्हें चुनाव जीतने का मौका नहीं मिल सकता । इसीलिए वे लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। कभी मंत्रियों के खिलाफ तो कभी खुद मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा दिया। इससे पूर्व भी सरकार में शामिल थे तब उन्होंने पार्टी छोड़कर बसपा का दामन थामकर चुनाव लड़ा था और चुनाव जीता था । आने वाले चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में ही वे चुनाव जीत सकते है । बयानबाजी करना जरूरी है जिससे पार्टी से बाहर जा सके।