पादूकलां ,नागौर। (राकेश शर्मा )पादूकलां । समीपवर्ती ग्राम जैजासनी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैजासनी में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर बड़े ही धूमधाम से कार्यक्रम आयोजित किए गए । खेल सप्ताह मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस उपलक्ष में राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया। विद्यालय के शारीरिक शिक्षक कैलाश लामरोड ने बताया कि खेल दिवस पर जैजासनी विद्यालय वर्सेस राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टेहला के मध्य छात्रा खिलाड़ियों का हॉकी का मैच रखा गया। छात्र वर्ग में जैजासनी वर्सेस आकेली ए के मध्य मैच रखा गया । सर्वप्रथम कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टेहला के प्रधानाचार्य चारण साहब तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता जैजासनी प्रधानाचार्य चेनाराम बेरवालने ने की । चारण ने अपने संबोधन में मेजर ध्यानचंद के जीवन की उपलब्धियां का उल्लेख किया तथा उनको जादूगर क्यों कहा जाता है उनके बारे में विस्तार से चारण साहब ने छात्रों को अवगत कराया । ध्यानचंद के जीवन काल को हॉकी का स्वर्ण काल कहा जाता है जिसे लेकर आज भी खिलाड़ियों को उनसे प्रेरणा मिलती है। उन्होंने अपने जीवन में हॉकी के अंदर बहुत ही बड़े है कीर्तिमान स्थापित करके लगातार तीन -तीन ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक भारत को दिलाया। बालिकाओं का प्रथम मैच राउमावि जैजासनी वर्सेस राउमावि टेहला के मध्य मैच खेला गया जिसमें जैजासनी खिलाड़ियों ने संघर्षपूर्ण मुकाबले में टेस्ला को 6-2 गोल से हराया तथा जीत दर्ज की। इसी प्रकार छात्र वर्ग मे जैजासनी वर्सेस आकेली ए के मध्य मैच खेला गया जिसमें दोनो ही टीमों ने शानदार हॉकी खेल दिखाया। अंत में जैजासनी विद्यालय ने 5-4 गोल से विजय प्राप्त की । खेल दिवस के समापन समारोह पर रियांबड़ी ब्लॉक के ACBEO असलम अली के द्वारा विजेता खिलाड़ियों की टी शर्ट देकर सम्मानित किया गया । छात्रों के उत्साह वर्धन के लिए हमेशा खिलाड़ियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से हमेशा खिलाड़ियों को स्वस्थ रहना तथा हमेशा लगातार अभ्यास करते रहने से ही सफलता मिलती है। हॉकी मैच का विद्यालय के छात्रों तथा ग्राम वासियों ने सभी ने बड़ा ही आनंद आया और खिलाड़ियों का जोरदार हौसला बढ़ाया गया। मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य चेनाराम बेरवाल शारीरिक शिक्षक, कैलाश लामरोड वरिष्ठ अध्यापक ,शंकर लाल जाजड़ा, पोकरराम कापड़ी, गीता देवी, कानाराम मेघवाल, हरिओम पंवार, जगदीश प्रसाद पारीक ,शिवजी राम बराड़ा ,सोहन राम मेघवाल, भगवान सिंह राठौड़ ,कानाराम बेरवाल, रामेश्वर पाराशरीया, नाथूराम मेघवाल आदि सभी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।