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खाटू श्याम जी मॉडल रेलवे स्टेशन स्टेशन का काम मार्च तक होगा पूरा

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रींगस- खाटू श्याम जी का सफर 15 से 25 मिनट मैं होगा पूरा

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

सीकर, खाटू श्याम जी विकास सोनी जिले का प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर। जहां हर साल करीब एक करोड़ से ज्यादा भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। फाल्गुन महीने के दौरान आयोजित होने वाले लक्खी मेले में करीब 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। हर वीकेंड और मासिक मेले में भी यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। बीते दिनों रेलवे ने 254.07 करोड़ की लागत से 17.49 किलोमीटर लंबे रींगस से खाटूश्यामजी तक के रेलवे ट्रैक के लिए मंजूरी दे दी। पहली बार भास्कर में देखिए इस प्रोजेक्ट के तहत खाटूश्यामजी में बनने वाले स्टेशन का मॉडल और प्रोजेक्ट से जुड़े जानकारी…..

खाटू में पिछले 5 साल में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश,गुजरात सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा राज्य और पड़ोसी देश नेपाल से भी यहां श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। जो ट्रेनों के जरिए रींगस तक तो पहुंच जाते हैं लेकिन इसके बाद उन्हें प्राइवेट गाड़ियों या बसों के जरिए खाटू आना पड़ता है।

लेकिन मेले के दौरान लाखों लोगों की भीड़ होने पर यह जरूरी नहीं है कि सभी को प्राइवेट गाड़ियां या बसें उपलब्ध हो जाए। ऐसे में श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके चलते जनता की मांग पर पिछले साल केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा घोषणा की गई थी कि रींगस से रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए टीपीआर तैयार करने को लेकर 40 लाख रुपए का प्रावधान किया है।

254.07 करोड़ की लागत से रींगस से खाटू रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम होगा

डीपीआर बनने के बाद अब इस काम को सेंक्शन मिल चुका है। 254.07 करोड़ की लागत से रींगस से खाटू रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम होगा। 17.49 किलोमीटर लंबे इस रेलवे ट्रैक के लिए 99 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसके लिए रेलवे द्वारा 8 अगस्त 2024 को सूचना जारी कर दी गई है। वही टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

मई जून तक हो जाएगा सफर शुरू

इस रेलवे प्रोजेक्ट में रींगस से खाटू के बीच कोई भी स्टेशन नहीं है। मतलब ट्रेन रींगस से रवाना होने के बाद सीधे खाटूश्यामजी स्टेशन पर पहुंचेगी। प्रोजेक्ट डेडलाइन मार्च 2026 रखी गई है। काम पूरा होने के बाद ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल होगा। इसके बाद माना जा रहा है कि मई-जून 2026 में यहां से ट्रेनों का यथावत संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे भी इस प्रयास में रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों को इस ट्रैक से जोड़ा जा सके ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो।

रींगस से खाटू के बीच इस रेल लाइन में कोई भी स्टेशन नहीं है। यदि ट्रेन 1 किलोमीटर की दूरी एक से डेढ़ मिनट में तय करेगी तो भी 17.49 किलोमीटर के इस सफर में 15 से 25 मिनट का समय लगेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत ही खाटूश्यामजी में नए रेलवे स्टेशन का निर्माण होगा।

इस स्टेशन के निर्माण में भी रेलवे ने कला और संस्कृति का पूरा ध्यान रखा है। एक मंदिर की तर्ज पर रेलवे स्टेशन को बनाया जाएगा। जिसका एंट्रेंस मंदिर के गुंबद की तरह होगा। जिसके दोनों तरफ बड़े-बड़े बरामदे होंगे। इसके अलावा स्टेशन पर शेखावाटी से जुड़ी पेंटिंग आदि भी की जाएगी।

खाटू में चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा – लामियां रोड के पास बनने वाले स्टेशन के मुख्य एंट्रेंस के सामने एक बड़ा पार्क होगा। पार्क के बीचो-बीच एक फाउंटेन लगा होगा। इस पार्क के दोनों तरफ पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। जहां गाड़ियों को खड़ा करने की व्यवस्था रहेगी। स्टेशन के अंदर स्टॉल्स, टॉयलेट्स और पेसेजंर वेटिंग एरिया भी रहेगा।

खाटू में जहां यह स्टेशन बनने जा रहा है उसकी मंदिर से दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है। यह दूरी इतनी कम है कि श्रद्धालु पैदल ही मंदिर तक जा सकते हैं। इसके बाद मंदिर में दर्शन करके डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करके स्टेशन पर आ सकते हैं।

खाटूश्यामजी के रेलवे स्टेशन पर तीन लूप लाइन बनाई जाएगी। लूप लाइन का मतलब होता है कि 750 मीटर लंबी रेल लाइन जो मुख्य रेल लाइन के साइड में होती है और आगे जाकर मुख्य लाइन में ही सम्मिलित हो जाती है।

जनता की सुरक्षा रखा जाएगा ख्याल

रेलवे अपने इस प्रोजेक्ट के तहत आम जनता की सुरक्षा का भी बेहद ध्यान रख रहा है। यह रेल लाइन करीब आधा दर्जन गांवों के बीच से होकर गुजरेगी। लेकिन रेलवे ने कहीं भी लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाई है। लेवल क्रॉसिंग का मतलब होता है कि वह क्रॉसिंग जो सड़क या रास्ते के बीच में हो। जहां ट्रेन आने पर फाटक बंद करके ट्रैफिक को रोकना पड़े।

इस रेल लाइन में कोई भी बड़ा ब्रिज नहीं है। रेलवे के इस प्रोजेक्ट में 8 माइनर और 21 अंडरब्रिज है। बारिश के दौरान यहां जलभराव नहीं हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

खाटू श्याम जी से सालासर सुजानगढ़ तक की डीपीआर बनेगी

वहीं रेलवे ने खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ तक रेल लाइन बिछाने के लिए भी डीपीआर बनाने की मंजूरी दे दी है। इसकी डीपीआर तैयार होने के बाद में इस प्रोजेक्ट का काम स्वीकृति मिलने के बाद शुरू होगा। काम पूरा होने के बाद शेखावाटी के दो मुख्य धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी और सालासर का ट्रेन से जुड़ाव होगा।

“रींगस-खाटू रेलवे प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण बताते हैं की धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए एक नई पहल करते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा रींगस से खाटू तक नई रेल लाइन का काम मार्च 2024 में स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना की कुल लंबाई करीब 18 किलोमीटर है। लगभग 254 करोड़ की लागत से यह तैयार होगी। इस परियोजना में खाटूश्यामजी में एक नया रेलवे स्टेशन बनेगा। स्टेशन का जो थीम होगा वह खाटूश्यामजी के मंदिर पर रखा गया है। ताकि वहां की विरासत और संस्कृति को सहजा जा सके। सबसे खास बात इस प्रोजेक्ट की यह है कि इसमें कोई भी लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी।”

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