अलवर। आखिरकार आदमी भरोसा करें तो किस पर करें। जब व्यक्ति बीमार होता है तो डॉक्टर को भगवान समझकर इलाज कराता है, लेकिन जब डॉक्टर या उनके सहयोगी हैवानीयत पर उत्तर जाए तो आखिरकार बचाएं कौन? अलवर के हरीश हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती महिला मरीज के साथ नर्सिंग स्टाफ ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म किया । परिजनों को जानकारी मिलने के बाद आरोपी की पकड़ कर धूनाई करके पुलिस के हवाले कर दिया । पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को बताया कि पीड़िता की तबीयत खराब होने पर उसे अलवर शहर के हरीश अस्पताल में दिखाया गया था । जिसे भर्ती कर लिया गया। आईसीयू में मरीज ही रहते हैं ऐसे में रात में मरीज के पास कोई नहीं था । मंगलवार सुबह लगभग 3:00 बजे तिजारा के बंदड़ा निवासी नर्सिंग कर्मचारी चिराग ने मरीज के बेड के चारों तरफ हरा पर्दा लगाकर पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और उसके बाद महिला मरीज के साथ दुष्कर्म किया । होश आने पर महिला मरीज नरसिंहकर्मी पर चिल्लाई तो नर्सिंग ने में उसे धमका कर चुप कर दिया और और बाहर बैठे पति को बुला लिया। वार्ड में मौजूद एक महिला नर्सिंग कर्मी ने भी धमकाकर चुप करने की कोशिश की । लेकिन जब महिला ने अपने पति को अपने साथ हुए करते की जानकारी दी तो महिला मरीज का पति ने आरोपी नर्सिंग करने की पिटाई कर दी और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। बताया गया कि वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों ने घटना को लेकर अनभिता जाहिर की है। वहीं शिवाजी पार्क के थाना अधिकारी राजपाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर नर्सिंगकर्मी चिराग को गिरफ्तार कर लिया गया है ।महिला का मेडिकल कराया जाएगा। कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी। दूसरी तरफ हरीश हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर लवेश गुप्ता का कहना है कि नर्सिंगकर्मी को हटा दिया गया है । हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे । पुलिस अपना काम करेगी और इस मामले में जो भी तुलसी होगा उसको किसी भी कीमत पर बक्सा नहीं जाएगा। आपको बता दें कि महिला मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे फिर अलवर से जयपुर के मानसिंह अस्पताल में रेफर किया गया या । राज्य के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एसएमएस अस्पताल पहुंचे महिला मरीज से मिले। उसके परीक्षाओं से मिले और कहा कि जिसने ये किया है उसे छोड़ नहीं जाएगा। जयपुर के बड़े निजी शैल्बी अस्पताल मैं भी एक बार इस तरह का मामला सामने आया था। उसने ही महिला के साथ दुष्कर्म किया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था । अब फिर एक बार इस तरह का मामला सामने आया है,? जिससे मरीजों का डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी से विश्वास उठने लगा कि आखिरकार किस पर विश्वास करें। जब इलाज करने वाले ही इस तरह से हिमायत करने लगेंगे तो फिर मरीज कैसे सुरक्षित रहेगा !इस घटना को लेकर लोगों में भी आक्रोश है।