जयपुर। जयपुर नगर निगम ग्रेटर के द्वारा व्यापारियों पर लगाया जा रहा ट्रेड लाइसेंस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद एक बार टल गया है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने शहर के सभी थड़ी-ठेला, चाय, सब्जी बेचने वाले से लेकर होटल, किराना , व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस लगाने का निर्णय किया था। जिसको लेकर व्यापारियों ने विरोध किया था। बताया जा रहा है कि ये लाइसेंस फीस इतनी थी कि आम व्यापारी इससे आहत था। निगम के इस फैसले के खिलाफ शहर के तमाम व्यापार मंडलों ने 11 सितंबर को जयपुर बंद का आह्वान किया था। इस बंद को शहर के तमाम व्यापारिक संगठनों का साथ मिला। वहीं नगर निगम ग्रेटर इस लाइसेंस को लागू करने में जुट गया। लेकिन व्यापारियों के साथ- थड़ी-ठेले से लेकर सब्जी- फल विक्रेता सभी फुटपाथी सामान बेचने वाले साथ आने से सरकार डर गई। सरकार में बैठे लोगों को लगा कि कोरोना काल में नया टैक्स लगाना उचित नहीं है। ऐसे में राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जो पहले दिन से ही इस ट्रेड लाइसेंस के खिलाफ थे। उन्होंने 10 दिन पूर्व जब सबसे पहले पानीपेच इलाके के व्यापारियों ने उन्हें इस ट्रेड लाइसेंस के खिलाफ ज्ञापन दिया था तब ही इसे लागू नहीं कराने की बात कही थी। लेकिन फिर भी यदि इस मुद्दे को शहर का व्यापारी वर्ग नहीं उठाता तो हो सकता है सरकार इसे यहां प्रायोगिक तौर पर लागू कर फिर पूरे प्रदेश में लागू करती
सरकार के इशारे के बगैर कोई अधिकारी नहीं उठाता ये कदम
कुछ नेताओं का कहना है कि ये नगर निगम ग्रेटर के आयुक्त का निर्णय है। मेरा मानना है कि इस तरह ट्रेड लाइसेंस लगाने का निर्णय किसी अधिकारी हो ही नहीं सकता। लेकिन अधिकारी के माथे इसे फौड़ दिया गया। जबकि इस तरह का निर्णय बगैर सरकार की शह के कोई भी नहीं ले सकता। लेकिन जिसने भी इसे तैयार किया इसे प्रेक्टिकल रुप से नहीं देखा गया। यदि इसे व्यवहारिक बनाकर लागू किया जाता तो ये बहुत ही फायदे का सौदा साबित हो सकता था। खासतौर पर फुटकर व्यवसायियों के लिए तो ये लाइसेंस वरदान साबित होता। क्योंकि इसे लेने के बाद उनकी दुकानों से आएदिन होने वाली नगर निगम और पुलिस वालों की लूट बंद हो जाती। वे भी फुटपाथ के लाइसेंसधारी होते।
मंत्रियों की पहल आई काम
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधानसभा मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी, रफीक खान ने इस मामले में व्यापारिक संगठनों से बातचीत की। उनकी बात को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल तक पहुंचाया गया। शांति धारीवाल ने व्यापारियों से बात कर सारी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई। इसके बाद इसका समाधान निकला
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निर्णय वापस
यूडीएच मंत्री शांतिधारीवाल, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, रफीक खान सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को जब इस ट्रेड लाइसेंस को लेकर बताया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। साथ ही इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए। खुद मुख्यमंत्री गहलोत को भी ट्रेड लाइसेंस के बारे में जो फीडबैक दिया गया था वो ठीक नहीं दिया गया था। क्योंकि सरकार ने हाल ही फुटपाथी व्यवसायियों के लिए जो ग्रांट देने की बात कही है उसमें ट्रेड लाइसेंस होना जरुरी कर दिया गया। लेकिन सरकार की इस निर्णय से किरकिरी जरुर हुई।
व्यापारियों ने जयपुर बंद किया स्थगित
ट्रेड लाइसेंस के विरोध में 11 सितंबर को जयपुर बंद को फिलहाल व्यापारियों ने स्थगित कर दिया है। जयपुर के सभी व्यापारिक संगठनों ने मुख्यमंत्री गहलोत के निर्णय का स्वागत करते हुए बंद करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि पहले ही व्यापारियों पर इतने टैक्स लगे हुए हैं ऐसे में ट्रेड लाइसेंस के नाम पर एक और नया टैक्स लादना सरासर गलत है।