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जलदाय विभाग में जांच शुरू होते ही पानी में बह गई 200 करोड़ की फाइलें?

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आचार की शिकायत करते डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा

जयपुर । जलदाय विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर हाल ही में राज्यसभा सांसद डॉक्टर को लाल मीणा ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और ईडी से जांच की मांग की थी। सांसद मीणा ने गणपति ट्यूबवेल कंपनी और शाम 2:00 बजे कंपनी के अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर सवालिया निशान उठाए थे । बताया जा रहा है कि जैसे ही विभाग में जांच शुरू हुई इन दोनों ही कंपनियों के टेंडर की करीब 200 करोड रुपए की फाइलें गायब हो गई।

बताया जा रहा है कि अतिरिक्त अभियंता 2 के कार्यालय से आठ फाइल गायब हुई है। इन दोनों के ही अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी बताए जा रहे हैं। जिनके आधार पर उन्होंने टंडन आवेदन किया था और अधिकारियों से मिलीभगत करके 200 करोड़ के टेंडर हथियार थे । शाहपुरा निवासी महेश मित्तल की कंपनी बताई जा रही है मैसेज गणपति ट्यूबवेल कंपनी। वहीं श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक बताए जा रहे हैं पदम चंद जैन । महेश मित्तल और पदम चंद जैन दोनों रिश्ते में जीजा साला लगते हैं । हाल ही में डॉक्टर किरोड़ लाल मीणा ने इन्हीं दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था और इन दोनों ही फर्मो पर गड़बड़ी करके टेंडर हत्याने का आरोप लगाया था। इसमें मंत्री पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए थे। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है लेकिन फाइलों का गायब होना कहीं न कहीं चिंता का विषय है और जांच का भी।

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