जयपुर। आमागढ़ में झंडे को लेकर जो विवाद किया कांग्रेस समर्थित विधायक रामकेश मीणा ने उसके पीछे विधायक रफीक खान का हाथ था। उसके बाद जो मीणा समाज का झंडा लगाया उसे सरकार ने हटा दिया। हम 1 अगस्त को मत्स्य भगवान का झंडा चढ़ाएंगे। वहां पर एक मंदिर था शिवालय को तोड़ दिया गया। वहां एक हजार साल पूर्व वहां मीणा राजाओं का शासन था। वहां हम एक अगस्त को वहां मंदिर में जाएंगे भी पूजा भी करेंगे और झंडा भी लगाएंगे जिसे रोकना है रोक ले। वहां पर कई तलाई, धार्मिक स्थलों, मूर्तियों ने तोड़ दिया मंदिर को हानि पहुंचाई मुस्लिम समाज के लोगों ने नुकसान पहुंचाया है। शिवालय बनाया उसे भी तोड़ दिया। मूर्ति लगा दी पुलिस ने मंदिर के ताला लगा दिया और पूजारी को भगा दिया। हम लोग जाएंगे पूजा भी करेंगे और झंडा भी लगाएंगे। खोगंग जहां राजाओं की छतरी, तलाई, जहां मीणा समाज के राजा दीपावली पर तर्पण करते उन पर मुस्लिम समाज के लोगों ने कब्जा कर लिया उनको गिरफ्तार किया जाए। आपको बता दे कि पुलिस ने आमागढ़ में सभी के आवागमन पर रोक लगाई है। लेकिन इसके बावजूद डॅा किरोड़ी लाल मीणा के इस नए फरमान ने पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि जो जमीन वन विभाग के अधीन चली गई लेकिन वहां हमारे पूर्वजों के मंदिरों में पूजा- अर्चना के अधिकार से हमें कोई वंचित नहीं कर सकता है। इसके लिए हम सरकार की लाठी गोली भी खाने को तैयार है। सरकार जो लोग दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई करें। हमें पूजा का अधिकार दे। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से भी अपील की वे दूसरों के धार्मिक स्थलों में इस तरह तोड़- फोड नहीं करें। जिससे सांप्रदायिक सदभाव बिगड़े। मीणा के बयान से आमागढ़ में तनाव तो होना ही है।