Home national बांग्लादेश में शहीद हुए जवान शीशराम की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

बांग्लादेश में शहीद हुए जवान शीशराम की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

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नागौर। कुचामनसिटी। कूच बिहार गोपालपुरा के बांग्लादेश सरहद में शहीद हुए जवान शीशराम का पार्थिव शरीर कुचामन शहर के ग्राम चितावा गांव पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ। शहीद की एक झलक पाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा, हर आंखों में आंसू छलक पड़े, आखिरी विदाई देने पहुंचे सीआरपीएफ के अधिकारी और जवानों ने शहीद को सलामी दी। जैसे ही शहीद शीशराम का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। शहीद बेटे का शव देख मानो मां का कलेजा फट पड़ा,पिता का दिल रो रहा था, आंखों के आंसू भी सूख चुके थे। अपने लाल के शव को देखकर परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
वीर सपूत की एक झलक देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
इस मौके पर पुलिस व सेना के जवानों ने सलामी गारद व मातमी धुन बजा सलामी दी। इससे पहले शहीद शीशराम की अंतिम यात्रा में आसपास के कई गांवों के सैकड़ों की तादाद में लोग, सैनिक व अधिकारी शामिल हुए। भीड़ अंतिम विदाई में लोग जब तक सूरज चांद रहेगा शीशराम तेरा नाम रहेगा जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इससे पहले शहीद शीशराम की पार्थिव देह कूच बिहार से पैतृक गांव चितावा पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। शहीद की वीरांगना निशा,माता,पिता,भाई और परिजन बिलख पड़े और परिजन शहीद की देह से लिपट गए। यह दृश्य देख आसपास लोगों की आंखे नम हो गई और ग्रामीणों ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया।

नेताओं दी शहीद को श्रद्दाजंलि

शहीद को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,पूर्व विधायक विजय सिंह चौधरी, पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया, नागौर जिला प्रमुख भागीरथ सिंह,पूर्व विधायक हरिश्चन्द्र कुमावत,कुचामन पुलिस उपाधीक्षक मोटाराम बेनीवाल,चितावा थाना प्रभारी प्रकाश मीणा,
जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों,समाजसेवी अंकित शर्मा ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
वहीं, सेना और राजस्थान पुलिस के सिपाहियों ने सलामी दी और छोटे भाई मुकेश सिंह ने शहीद बड़े भाई शीशराम को मुखाग्नि दी। बताया गया है कि मार्च 2018 में शीशराम की डसाना डीडवाना की निशा कंवर के साथ शादी हुई थी,जो अब पहली संतान को जन्म देगी। शहीद की पत्नी अभी 8 महीने की गर्भवती है,शीशराम के पिता प्रहलाद सिंह किसान है और माता गृहणी है। एक छोटा भाई मुकेश सिंह जो कि गांव में ही रहता है। शीशराम ने घरवालों को बताया था कि जल्द ही छुट्टी लेकर घर आ रहा है, शीशराम के शहीद होने की खबर मिली, तो घरवालों के सारे सपने टूट गए। परिजनों ने बताया कि वर्ष 2014 में शीशराम की बीएसएफ में ज्वाइनिंग हुई थी, फिलहाल उनकी पोस्टिंग 75 बीएसएफ बटालियन कूच बिहार गोपालपुरा बांग्लादेश सरहद पर 29 अगस्त को ड्यूटी कर रहा था। उसी दौरान अचानक बॉर्डर पर कुछ अवांछनीय हरकत हुई। शीशराम अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गए। उसी दौरान गहरे पानी में उतरने के कारण जान चली गई।

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