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जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता सीएम चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरु

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जयपुर। जन स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग में कार्यरत मुख्य अभियंता चंद्र मोहन चौहान के खिलाफ कार्मिक विभाग ने उनके खिलाफ दर्ज राजस्थान सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1958 के नियम 16 के अऩुसार अऩुशासित जांच कर कार्यवाही करने का निर्णय लिया है। ये जांच चौहान के खिलाफ आए फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हथियाने सहित कई आरोपों की जांच करने के बाद डीओपी ने लिया है। आपको बता दे की सीएम चौहान खिलाफ पूर्व में कई बार इस तरह के आरोप लगे है। कांग्रेस नेता पंकज काकू ने उनके खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कर इसकी शिकायत जलदाय मंत्री और आला अफसरों को की थी। इसके बाद जांच में सीएम चौहान के खिलाफ अनुकंपा नौकरी के दस्तावेजों में ही गड़बड़ी निकली। उनका तो यहां तक कहना है कि चौहान के खिलाफ गांधीनगर थाने में 150 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है।

सीएम चौहान को कैसे मिली नौकरी?

कांग्रेस नेता पंकज शर्मा काकू ने बताया कि ये जलदाय विभाग से पूर्व पीडब्लूडी में कार्यरत थे। सीएम चौहान विवादित अधिकारी रहे है। काकू ने बताया कि इनके खिलाफ लगातार शिकायतों की सत्यता की जांच करने पर इनके फर्जीवाड़े का खुलासा हो सका। काकू ने बताया कि चौहान ने नियुक्ति भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति ली हुई है। जांच करने पर पता लगा कि ये अपने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति लेने वाले व्यक्ति है। जबकि ये जलदाय विभाग में अनुकंपा नौकरी से पूर्व ही पीडब्ल्यूडी में जेईएऩ के पद पर पांच साल से कार्यरत थे। इन्होंने ये तथ्य छिपाया। सरकार की आंखों में धूल झोंककर उच्च पद की लालसा में झूठे दस्तावेज लगाए। इसके साथ ही इऩ्होंने अपने पिता के मूल विभाग वन विभाग में भी एक घोषणा पत्र दिया। जिसमें स्वंय को बेरोजगार बताया और मां को खुद पर आश्रित बताया । स्वंय की आय भी शून्य बताई। ये दस्तावेज हस्तलिखित है। उसमें इन्होंने सारी जानकारी गलत दी। क्योंकि ये पूर्व से ही सरकारी सेवा में कार्यरत थे। इसके आधार पर इनको वन विभाग से एनओसी मिली। इस एनओसी को जलदाय विभाग में प्रस्तुत की, जिसमें इनको अनुकंपा नियुक्ति मिली। सरकार इनको पिता के स्थान पर प्रार्थी मानते हुए एईएएऩ के पद पर नियुक्ति दी। जब इन सारे दस्तावेजों के आधार पर पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री जी और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला जी के संज्ञान में लाए तो उन्होंने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया। जांच में ये सारे आरोप सत्य पाए गए। जलदाय विभाग और डीओपी ने इनको दोषी मानकर कार्रवाई शुरु कर दी है। इसके बाद इनको नौकरी से हटाने की कार्यवाही शुरु हो चुकी है। काकू ने कहा कि सरकार इऩको तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर कार्यवाही करे। विभाग ने चौहान को बर्खास्त करने की तैयारी शुरु कर दी है। हालांकि चौहान का कहना है कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए है वे निराधार है।

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