लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
विजय कपूर की रिपोर्ट
बीकानेर। आरएनबी ग्लोबल यूनिवर्सिटी, बीकानेर के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा आयोजित 8वीं सेठ जगन्नाथ बजाज मेमोरियल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2025 का समापन मूट कोर्ट हॉल में संपन्न हुआ। यह प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. राम बजाज के पिता सेठ श्री जगन्नाथ बजाज की स्मृति में आयोजित की जाती है, जिन्होंने एक छोटे से गाँव हिम्मतसर से आगे बढ़ते हुए आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान के उल्लेखनीय कार्य किए थे। तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जिसमें न्यायिक प्रक्रिया की वास्तविक अनुभूति कराते हुए छात्रों ने अपनी तर्क शक्ति और विधिक ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देशभर के 34 से अधिक विधि संस्थानों की टीमों ने भाग लिया। इनमें दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन, द महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी लॉ फैकल्टी ऑफ बड़ौदा, कलिंगा यूनिवर्सिटी (रायपुर), लॉ कॉलेज देहरादून (उत्तरांचल यूनिवर्सिटी), सिंबायोसिस लॉ स्कूल (हैदराबाद), अमिटी लॉ स्कूल (नोएडा), महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी (बीकानेर), ऐश्वर्या कॉलेज ऑफ एजुकेशन (लॉ), गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (श्रीगंगानगर), ज्ञान विधि पीजी महाविद्यालय (बीकानेर), रूपराम स्वामी लॉ कॉलेज (नोहर), बीजेएस रामपुरिया जैन लॉ कॉलेज, जीएस फाउंडेशन कॉलेज ऑफ लॉ, मॉडी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (लक्ष्मणगढ़, सीकर), कानोरिया स्कूल ऑफ लॉ फॉर वुमन, इंडोर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज पंजाब यूनिवर्सिटी (चंडीगढ़), इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी), और स्कूल ऑफ लॉ (डीएवीवी), और शामिल हैं।इस वर्ष प्रतियोगिता में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हिंदी माध्यम की टीमों को भी आमंत्रित किया गया, जिन्होंने प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। हिंदी माध्यम की टीमों में ऐश्वर्या कॉलेज ऑफ एजुकेशन (लॉ), गवर्नमेंट लॉ कॉलेज (श्रीगंगानगर), ज्ञान विधि पीजी महाविद्यालय (बीकानेर), रूपराम स्वामी लॉ कॉलेज (नोहर), बीजेएस रामपुरिया जैन लॉ कॉलेज, और जीएस फाउंडेशन कॉलेज ऑफ लॉ शामिल हैं।उद्घाटन सत्र में विशेष अतिथि के रूप में अतुल कुमार सक्सेना उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के तीसरे दिन एक रिसर्चर टेस्ट का आयोजन किया गया, जिसमें सभी टीमों के शोधार्थियों ने भाग लिया और बहुविकल्पीय प्रश्नों को हल किया। सर्वश्रेष्ठ शोधार्थी को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ पुरुष वक्ता का खिताब इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सागर सिंह ने जीता, जबकि कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर की छात्रा मिताली ठाकुर सर्वश्रेष्ठ महिला वक्ता चुनी गईं। सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल (अपीलकर्ता व प्रतिवादी दोनों) के लिए यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ और कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर को पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में विजेता टीम कनोडिया स्कूल ऑफ वुमेन, जयपुर को रु. 51,000/-, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए, जबकि उपविजेता टीम कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर को रु. 21,000/- नकद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, सर्वश्रेष्ठ पुरुष वक्ता, सर्वश्रेष्ठ महिला वक्ता एवं सर्वश्रेष्ठ शोधार्थी को रु. 5,000/- नकद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। निर्णायकों की भूमिका सेशन न्यायाधीश श्री धनपत माली, श्री विनोद कुमार सोनी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राघवेंद्र सिंह ने निभाई। इस वर्ष मूट प्रॉब्लम भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 85 और 86 पर आधारित थी।प्रतियोगिता के लाइब्रेरी पार्टनर वी. कुमार एंड कंपनी, जोधपुर द्वारा प्रत्येक टीम को तीनों नए कानून – भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) – के द्विभाषी बेयर एक्ट प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, प्रतियोगिता के मीडिया पार्टनर लॉक्टोपस एवं लॉक्टोपस लॉ स्कूल, और आउटरीच पार्टनर विधि एकता संघ रहे।इस प्रतियोगिता के आयोजन में स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार कौशिक एवं उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में स्कूल ऑफ़ लॉ के विभागध्यक्ष डॉ. भरत कुमार जाजरा, सहायक आचार्य श्री धीरज शर्मा और सुश्री त्रिप्ति पालीवाल ने भी अपनी भूमिका निभाई। प्रतियोगिता के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक प्रेम, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ लॉ, आरएनबी ग्लोबल यूनिवर्सिटी, बीकानेर ने इस आयोजन की सफलता में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।प्रतियोगिता में निर्णायकों के रूप में गवर्नमेंट लॉ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर भगवान राम बिश्नोई, सहायक आचार्य डॉक्टर किशन लाल ,डॉक्टर मीनाक्षी कुमावत, बीजेएस रामपुरिया जैन लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनंत जोशी, श्रीगंगानगर के डॉक्टर सौरभ गर्ग और डॉक्टर कप्तान चंद ,डॉ परज सिंघवी ,डॉ राजेश शर्मा एडवोकेट राकेश रंगा, एडवोकेट मोहित झाझरिया व कई अन्य निर्णयको ने अपनी सेवाएं दी
इस आयोजन में स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने प्रतिभागियों की आवास, परिवहन एवं अन्य आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की। तीन दिन चले इस कार्यक्रम में बाहर से आए हुए सभी प्रतिभागियों के लिए आने-जाने, रुकने और खाने-पीने की संपूर्ण व्यवस्था विश्वविद्यालय की ओर से की गई थी। इन व्यवस्थाओं को देखने के लिए स्कूल ऑफ़ लॉ के विद्यार्थियों की अलग-अलग टीमों का निर्माण किया गया था ताकि विद्यार्थी कार्यक्रम के आयोजन की कला को समझ सकें और वह कला उनमें विकसित हो सके। कार्यक्रम में छात्र संयोजक के रूप में छाया मिन्नी, यश बाना और वामाक्षी पारीक तथा सहसंयोजक के रूप में शालिनी शर्मा और राधिका पाल ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
प्रतियोगिता में विभिन्न राउंड के लिए 9 कोर्ट रूम का निर्माण किया गया था। प्रत्येक कोर्ट रूम में दो जज और दो कोर्ट क्लर्क के रूप में स्कूल ऑफ लॉ के विद्यार्थी थे। साथ ही, जिन दो टीमों के बीच मैच हो रहा था, उन दोनों टीमों के तीन-तीन सदस्य मौजूद थे। प्रत्येक टीम में दो वक्ता और एक शोधकर्ता शामिल थे। प्रत्येक टीम को एक कोड प्रदान किया गया और प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने वही टीम कोड का उपयोग किया।यह प्रतियोगिता विधि छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट मंच सिद्ध हुई, जहाँ उन्होंने अपने कानूनी ज्ञान का परीक्षण करने और वास्तविक न्यायिक प्रक्रिया को करीब से समझने का अवसर प्राप्त किया।
विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर जीएस राठौर ने इस कार्यक्रम का आयोजन के लिए सभी विद्यार्थियों और स्कूल आफ लॉ के सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी।