Home latest जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक

जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक

0

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

दो वर्षों में संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना को करें पूरा, राज्य सरकार सभी संसाधनों की उपलब्धता करेगी सुनिश्चित
– मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

यमुना जल समझौते की बैठक 20 अप्रेल को, पिलानी में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी टास्क फोर्स की बैठक
– भूमि अवाप्ति के कार्यों में समन्वय के लिए विशेषाधिकारियों की होगी नियुक्ति

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी (रामजल सेतु लिंक) परियोजना प्रदेश की महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके माध्यम से प्रदेश के 17 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई के साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आगामी दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड पर कार्य किया जाए। राज्य सरकार इसके लिए संबंधित विभाग को मानव संसाधन, नियमों में सरलीकरण सहित अन्य सभी सहायताएं उपलब्ध कराएगी।

शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग, सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि इस परियोजना की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए एवं भूमि अवाप्ति के कार्यों में समन्वय के लिए विशेष रूप से अधिकारियों को नियुक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने संशोधित पीकेसी ईआरसीपी परियोजना के पैकेज 1, 2 एवं 3 के अंतर्गत विवरण एवं प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि परियोजना को त्वरित गति प्रदान करने के लिए प्रथम चरण में 9,600 करोड़ रुपये के कार्यों के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन पैकेजेज में भूमि अवाप्ति के अवार्ड, वन क्लीयरेंस एवं अन्य क्लीयरेंस के कार्य में गति लाई जाए। उन्होंने इस परियोजना में अब तक हो चुकी अधिगृहीत भूमि पर कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया। साथ ही, उन्होंने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों के पुनर्वास की समुचित व्यवस्था के निर्देश भी दिए।

20 अप्रेल को होगी बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना जल समझौते के प्रथम चरण में ताजेवाला हैड से प्रदेश में जल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली हेतु संयुक्त डीपीआर बनाने पर सहमति बनी है। इसी क्रम में डीपीआर के लिए गठित संयुक्त टास्क फोर्स की पहली बैठक 7 अप्रेल को यमुनानगर में हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यमुना जल समझौते की डीपीआर को लेकर संयुक्त टास्क फोर्स की दूसरी बैठक 20 अप्रेल को पिलानी में होगी। उन्होंने अधिकारियों को नक्शे एवं अलाइमेंट की डिजाइन की तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए।

प्राकृतिक डिप्रेशन को जलाशयों में परिवर्तित के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए
शर्मा ने इंदिरा गांधी नहर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी मुख्य नहर की बुर्जी पर बने हुए चार प्राकृतिक डिप्रेशन को जलाशयों में परिवर्तित के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए जिससे कि चूरू, जैसलमेर और बीकानेर जिले में पेयजल उपलब्धता में अभिवृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहरों की समीक्षा करते हुए कहा कि फव्वारा सिंचाई पद्धति को विशेष रूप से विकसित किया जाए।

उल्लेखनीय है कि महाराजा गंगासिंह ने वर्ष 1927 में गंगनहर की शुरूआत की थी। हाल ही में मुख्यमंत्री के शिवपुर हैड निरीक्षण के दौरान वर्ष 2027 में शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाने का फैसला लिया गया है।

ईसरदा पेयजल परियोजना को जून तक किया जाए पूरा
शर्मा ने कहा कि परवन वृहद् बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि परियोजना में बांध निर्माण कार्य एवं पाइपलाइन वितरण प्रणाली से लेकर डिग्गी एवं पंप हाउस कार्याें में गति लाई जाए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना एवं ईसरदा पेयजल परियोजना को जून में पूरा करने के निर्देश दिए। कालीतीर लिफ्ट परियोजना के डिग्गी निर्माण कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए तथा एवं इन्हें जल्द ही शुरू कर दिया जाए। उन्होंने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों को सहानुभूति के साथ पुनर्वास एवं उचित मुआवजे उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना, पीपलखूंट हाई लेवल कैनाल परियोजना, साबरमती बेसिन के अपवर्तन जल एवं देवास तृतीय एवं चतुर्थ परियोजना की समीक्षा की।

बैठक में बताया गया कि भूमि अवाप्ति के प्रकरणों में अपेक्षित प्रगति लाते हुए लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा है। इसी क्रम में 10 प्रकरणों में अवाप्ति की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है तथा शेष प्रकरणों में भी अवाप्ति की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी हो जाएगी। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version