दस जिलों और तीन संभाग निरस्त करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण- डोटासरा

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

जयपुर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ. मनमोहन सिंह जी जिनके 10 वर्ष के कार्यकाल को आज पूरा देश याद कर रहा है और हम सभी उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार भी पूर्णतया सम्पन्न नहीं हुआ ऐसी शोक की घड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं सरकार ने राजस्थान में जो नए जिले एवं संभाग पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गठित किए थे, उनमें से 9 जिले एवं 3 संभाग को निरस्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया है। जो निंदा योग्य निर्णय है। खेद का विषय है कि जहां पूरे विश्व में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है तथा भारत सरकार ने सात दिवस का राजकीय शोक घोषित किया हुआ है, विदेशों में भी भारतीय दूतावासों पर झण्डे आधे झुके हुए है उसके बावजूद राजस्थान की डबल इंजन की सरकार ने ऐसा जनविरोधी निर्णय किया है जिसकी कल्पना प्रदेशवासियों ने नहीं की थी। उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने आज संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
डोटासरा ने कहा कि जनहित में प्रशासनिक सुविधा के लिए रिटायर्ड आईएस की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों पर प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नए जिले एवं संभाग गठित किए थे तथा जनता को प्रशासनिक सुविधाएं प्राप्त हो, अधिक से अधिक लाभ मिले, यह महत्वपूर्ण फैसला कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के समय हुआ था किन्तु अपने 12 माह के कार्यकाल में राजस्थान की भाजपा सरकार ने जिले निरस्त करने का पहला फैसला केबिनेट बैठक में लिया है जो कि जनता के जनमानस के विरूद्ध है, 9 जिले एवं 3 संभागों को निरस्त करने के निर्णय की कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 9 जिलें एवं 3 संभागों को निरस्त करने के निर्णय के विरूद्ध कांग्रेस पार्टी प्रदेश में जन-आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जनगणना प्रारम्भ होनी है, केवल 31 दिसम्बर, 2024 तक जिलों की सीमाओं के सीमांकन की छूट प्रदेश सरकार को मिली थी और न्यायालय में शीतकालीन अवकाश चल रहा है, इसलिए आनन-फानन में प्रदेश सरकार ने यह निर्णय किया है ताकि कोई कोर्ट में जाकर जनहित याचिका नहीं लगा सके और 01 जनवरी, 2025 से सीमांकन पर प्रशासनिक रोक लग जाएगी। उन्होंने कहा कि जिलों एवं संभागों को समाप्त करने जैसा गलत निर्णय आज तक प्रदेश में किसी सरकार ने नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस अलोकतांत्रिक, विवेकहीन, पर्ची से लिए गए निर्णय के खिलाफ जन-आंदोलन चलाएगी और आवश्यकता हुई तो माननीय न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक कमेटी प्रदेश में नए जिलों एवं संभागों के गठन की सिफारिश जनहित में प्रशासनिक दृष्टि से उचित बताते हुए करती है और दूसरी कमेटी बनाकर भाजपा द्वारा यह निर्णय किया गया जो कि प्रदेश के हितों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के बार-बार दिल्ली दौरों से प्रदेश को कोई सौगात नहीं मिली, ना ही ईआरसीपी राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुई किन्तु जिले एवं संभाग निरस्त करने की पर्ची दिल्ली से मिल गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय को दिल्ली के सामने इस तरह समर्पण दिखाने की बजाए स्वयं के विजन एवं विवेक से निर्णय लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जो जिले नए गठित हुए थे वहां कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक लगे हुए हैं जिलों के कार्यालय बन रहे है, जिलाधीश भवन बन चुके है, उन जिलें एवं संभागों को इस तरह से समाप्त करने का निर्णय निंदनीय है एवं जनविरोधी है। भाजपा सरकार द्वारा कम दूरी की दलील देकर जिलों को समाप्त करना भी समझ से परे एवं तर्कहीन है। भरतपुर से डीग की दूरी सिर्फ 38 किलोमीटर है, लेकिन डीग को जिला बरकरार रखा गया है। जबकि सीकर से नीमकाथाना की दूरी 85 किलोमीटर, श्रीगंगानगर से अनूपगढ़ की दूरी 122 किलोमीटर और जालोर से सांचौर की दूरी 135 किलोमीटर होने के बावजूद नीमकाथाना, अनूपगढ़ एवं सांचौर तीनों जिलों को निरस्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चलाने के लिए तो सर्वदलीय बैठक भाजपा सरकार द्वारा बुलायी जाती है किन्तु इस तरह के बड़े निर्णय लेने से पूर्व भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर भाजपा सरकार को लेनी आवश्यक थी। उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि उप मुख्यमंत्री जी भी अपने जिले को नहीं बचा सके जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल ने अपने गृह क्षेत्र के जिले का बचा लिया, यह आपसी अंर्तकलह भी उजागर हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को जनहित के लिए कार्य करना चाहिए लेकिन इस तरह के निर्णय राजनीतिक द्वेष की भावना से लिए गए जिससे जनता की परेशानियां बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 01 जनवरी, 2025 तक राजकीय शोक है उसके पश्चात् कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश में जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा सरकार के विरूद्ध जन-आंदोलन खड़ा किया जाएगा और भाजपा की राजस्थान सरकार को इस निर्णय को बदलने के लिए मजबूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले आमचुनावों में कांग्रेस की सरकार आएगाी और भाजपा सरकार द्वारा समाप्त किए गए जिलों एवं संभागों का पुनः गठन किया जाकर क्षेत्रीय जनता को लाभान्वित करने का कार्य किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली ने कहा कि एक तरफ तो लोग पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा की सरकार ने 9 जिलों एवं 3 संभागों को समाप्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सक्षम कमेटी की अनुशंषा पर किसान, मजदूर, गरीब एवं आमजन की सुविधा के लिए नए जिले एवं संभाग बनाने का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि नए जिलों के गठन के साथ ही आधारभूत ढांचा तैयार करते हुए जिला स्तरीय समस्त अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी और प्रशासनिक कार्य सुचारू चल रहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आज कह रहे हैं कि जिले छोटे हैं किन्तु छोटे जिले बनने से आमजन को सहूलियत मिलती है और त्वरित न्याय मिलता है, योजनाओं की मॉनिटरिंग अच्छे से होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुविधा के लिए देश में छोटे राज्य भी बने है। मध्यप्रदेश से तोड़ कर छत्तीसगढ़ राज्य बना और राजस्थान से छोटा प्रदेश होने के बावजूद मध्यप्रदेश में आज 53 जिले है। उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ व सांचौर की जिला मुख्यालयों से दूरी 100 किमी से अधिक है किन्तु इस पर भाजपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया केवल राजनीतिक द्वेषता के कारण जिले समाप्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने दिमाग में यह धारण कर लिया है कि ये जिले कांग्रेस द्वारा बनाए गए थे इसलिए उन्हें समाप्त करना है जबकि पड़ोसी राज्यों में बॉर्डर का जिला है चरखी दादरी जिसमें मात्र 6 लाख की जनसंख्या है, पोरबंदर में 5 लाख की जनसंख्या है, चित्रकूट में 10 लाख की जनसंख्या है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा शासित राज्यों में यह जिले बन सकते है तो राजस्थान में जिले समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जिलों के समाप्त होने के कारण किसानों एवं लोगों को तकलीफों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि जिला मुख्यालयों की दूरी बढ़ गई है उदाहरण के लिए सांचौर और जालोर की दूरी 100 किमी से
अधिक है लेकिन भाजपा सरकार को आमजन की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार को यदि जिलों के गठन में कोई कमी लगती थी तो उनका पुर्नसीमांकन किया जा सकता था लेकिन समाप्त करने का निर्णय गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में और नए जिले बनाने की भी गुंजाईश थी, भौगोलिक दृष्टि के अनुसार और भी 5-7 नए जिले गठित किए जा सकते है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस जनविरोधी निर्णय के विरूद्ध भाजपा सरकार को घेरने का कार्य किया जाएगा तथा कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक जिलों एवं संभागों को निरस्त करने के निर्णय के विरूद्ध जन-आंदोलन करेगी।

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