लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
मंत्री किरोड़ी ने किया एक करोड़ मुआवजे का ऐलान
सवाई माधोपुर से लोकेश टटवाल की रिपोर्ट
बाघिन कनकटी को किया जाएगा अन्यत्र जगह शिफ्ट
– देवेंद्र का अंतिम संस्कार उनके गांव नारायना (डीग) में हुआ
– कैबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी एक माह की तनख्वाह देने और एक करोड़ सरकार से दिलवाने की कही
सवाई माधोपुर
रणथंभौर नेशनल पार्क में रेंजर देवेंद्र सिंह चौधरी की मौत के मामले में नवीनतम अपडेट यह है, रेंजर देवेंद्र का उनका पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॅा. किरोड़ी लाल मीना ने अपनी एक माह की सैलरी और सरकार से एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिलाने की बात कही।
हमलावर बाघिन की पहचान : वन विभाग के सर्विलांस कैमरों से पुष्टि हुई है कि हमलावर बाघिन T-84 (एरोहेड) की बेटी अन्वी (कनकटी) थी। यह हमला 11 मई 2025 को जोगी महल गेट के पास दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जिसमें बाघिन ने देवेंद्र को गर्दन से पकड़कर जंगल में खींच लिया।
वन विभाग के सर्विलांस कैमरों से हमलावर बाघिन की पहचान हुई। यह रणथंभौर में एक महीने के भीतर दूसरा घात*क बाघ हमला था, इससे पहले 16 अप्रैल 2025 को त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते पर T-84 की इसी बाघिन कनकटी ने 7 साल के बच्चे (कार्तिक सैनी)को मा*र डाला था।
अंतिम संस्कार :
देवेंद्र सिंह चौधरी का शव उनके पैतृक गांव डीग जिले के नारायना पहुंचा, जहां 12 मई 2025 को उनका अंतिम संस्कार किया गया। गांव में ग्रामीणों की भारी भीड़ देखी गई।
देवेंद्र का करियर :
देवेंद्र ने 2017 में वन विभाग में सेवा शुरू की थी और हाल ही में उनका प्रमोशन हुआ था। उन्होंने अपने पिता की जगह नौकरी जॉइन की थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया :
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और इसे चिंताजनक बताया, विशेष रूप से यह उल्लेख करते हुए कि यह एक महीने में दूसरा घातक बाघ हमला था। उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
चिंताएं और सुझाव: यह घटना रणथंभौर में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर 14 बाघों की मौजूदगी और मानवीय गतिविधियों में वृद्धि इस तरह की घटनाओं का कारण बन रही है। सुझाव दिया जा रहा है कि मंदिर मार्ग पर पैदल आवाजाही बंद हो और वाहनों की व्यवस्था की जाए।
वन विभाग की कार्रवाई : वन विभाग ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान या अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की घोषणा नहीं की गई है।