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दिवाली से पहले धड़ल्ले से चल रहा सट्टे का कारोबार, लाखों कमाने कि चाहत में जुआरी लगा रहे लाखों का दांव

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लोक टुडे न्यूज़ नेटवर्क

इस क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है जुए का कारोबार, पुलिस प्रशासन बेखबर,,,,

धार्मिक स्थल कामखेड़ा भी जुआरियों की चपेट में

झालावाड़ जिले।(राजकुमार शर्मा) अकलेरा मनोहरथाना जावर दांगीपुरा कामखेड़ा क्षेत्र में दिवाली का त्योहार आते ही जुआरी सक्रिय हो गए हैं। हर गांवों में जुआरियों का कारोबार शुरू हो चुका है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की बजाए पुलिस के कांस्टेबल द्वारा उल्टे सेटिंग में लगी हुई है। हर थाना क्षेत्र के गांवों में लाखों का जुआ हो रहा है। इन्हें पकड़ने कोई भगीरथ प्रयास नहीं कर रही है। धन की देवी लक्ष्मी का त्योहार दीपावली को अब कुछ दिन ही शेष रह गया है। इस त्योहार में धन दुगुना करने यानी जुआं में दांव लगाने वालों की संख्या गांवों में अधिक रहती है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कांस्टेबल द्वारा सेंटी की जाती है और बताया गया है कि पुलिस के उच्च अधिकारियों को कानों-कान खबर नहीं होगी पुलिस कार्रवाई करने आए तो उसकी सूचना आपको मिल जाएगी
क्षेत्र के अंतर्गत थाना में जुए का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन पुलिस उक्त व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। जानकारी के मुताबिक, जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से यह गेम अपने चरम सीमा पार करता जा रहा
पुलिस को अवैध कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के सख्त कार्रवाई करने में
लेकिन इस आदेश का सीमावर्ती इलाके में कोई खास असर नहीं दिख रहा है। क्योंकि कुछ लोगों द्वारा इस धन्धे को पूरे जोरे से जारी रखा हुआ है।
इस मौके पर क्षेत्र के समाज सेवकों व प्रमुख लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र के एक दर्जनों से अधिक गांवों में कुछ लोगों द्वारा यह धन्धा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वहीं अगर इस कारोबार की बात करें तो इस धंधे की खबर तो लोगों को है, लेकिन पुलिस प्रशासन इस धंधे से अंजान नजर आ रहा है। जिस कारण यह अवैध धन्धा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय पुलिस कर्मचारियों के कारण पुलिस प्रशासन की छापेमारी विफल भी हों जाती जिसका मुख्य कारण है मुखबिर से सूचना मिलते ही ताश खेलने वाले फरार हो जाते हैं, सट्टा मटका ताश पत्ती आदि गेम बड़े पैमाने पर खुलेआम चल रहे हैं । कामखेड़ा में ताशपत्ती खेल लाखों तक पहुंच जाता है अकलेरा में सट्टे की पर्चियां काटते हुए खुलेआम देखे जा सकते हैं। दीपावली के सीजन में सट्टा ताश पत्ती का गेम खूब जमकर फल फूल रहा है।

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