रियांबड़ी, नागौर
( नितिन सिंह)थांवला कस्बे के पंचनिमड़ी निवासी नंदकिशोर कुमावत ने अपने 35वें रक्तदान के माध्यम से एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। नंदकिशोर, जो एक केमिस्ट के रूप में मेडिकल डिपार्टमेंट से जुड़े हुए हैं, ने 18 साल की उम्र से रक्तदान की शुरुआत की थी। पिछले 9 सालों में, उन्होंने नियमित रूप से रक्तदान कर अब तक एक हजार से अधिक जिंदगियों को बचाया है।
सेवा का जुनून और समर्पण
हर तीन महीने में नियमित रूप से रक्तदान करने वाले नंदकिशोर ने इस बार अपने जन्मदिन के अवसर पर रक्तदान कर इंसानियत के प्रति अपने जुनून और सेवा भाव का उदाहरण पेश किया है। उनका यह कदम समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। नंदकिशोर ने बताया कि इस पुण्य कार्य में उनके परिवार और दोस्तों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब तक 35 बार रक्तदान कर चुके नंदकिशोर दो बार प्लेटलेट्स भी डोनेट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने अजमेर के विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त की व्यवस्था कर उनकी जान बचाई है।
शहीद दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन
हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस के उपलक्ष्य में नंदकिशोर के नेतृत्व में थांवला में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें युवा रक्त संगठन की सक्रिय भूमिका होती है। अजमेर के पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय और राजकीय महिला चिकित्सालय की टीमों के सहयोग से अब तक चार विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
सम्मान और प्रेरणा
नंदकिशोर के इस अद्वितीय कार्य के लिए उन्हें कई संस्थाओं द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपने निजी खर्चे से कई बार अजमेर और जयपुर के अस्पतालों में जाकर रक्तदान किया है। विश्व रक्तदाता दिवस पर भी उन्हें अजमेर के पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में सम्मानित किया जा चुका है।
नंदकिशोर कुमावत की यह सेवा न केवल उनकी इंसानियत को दर्शाती है बल्कि समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा भी देती है। उनके इस कार्य से साबित होता है कि अगर एक व्यक्ति चाहे तो वह अपनी सेवा भावना से समाज में बड़े बदलाव ला सकता है।