स्मार्ट सिटी के नाम पर हुई अनियमितता को भुगत रहा है अजमेर – नीरज जैन

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अजमेर ।(नितिन मेहरा)अजमेर। कहने को तो अजमेर स्मार्ट सिटी है लेकिन पिछले 4–5 दिन की बारिश ने स्मार्ट सिटी की पोल खोलकर रख दी है। अजमेर नगर निगम के उपमहपोर नीरज जैन ने अजमेर के ऐतिहासिक आनासागर झील पर बने पाथ–वे और सेवन वंडर के हुए गलत निर्माण और घोटालों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत करी थी , जिसमे अजमेर के नगर निगम डिप्टी मेयर नीरज जैन ने बताया की अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील जो, कि अजमेर का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है के जिसके चारों ओर पाथवे बनाकर झील का सौंदर्याकरण किया जाना प्रस्तावित था। परंतु वर्तमान कांग्रेस की राज्य सरकार द्वारा उक्त पाथवे की डिजाइन में परिवर्तन करके आनासागर झील के व्यास को छोटा किया गया जो कि झील के संरक्षण एवं संवर्धन के विपरीत है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्णित अब्दुल रहमान v/s राज्य सरकार की मंशा के विपरीत हैं । इसके भराव क्षमता को कम किया जा रहा है मिट्टी भरकर तथा भू माफियाओं और अवैध निर्माण कर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए पाथवे का और सेवन वंडर का निर्माण भी झील के भराव क्षेत्र में किया गया हैं। आनासागर का मूल भराव क्षेत्र लगभग 494 एकड़ है जिसमें वेटलैंड 67 एकड़ सम्मिलित है, इसे छोटा करके लगभग आधा कर दिया गया है। अजमेर शहर में खेल सुविधाओं के विकास व विस्तार के लिए पटेल स्टेडियम का आधुनिकरण करने की प्रस्तावना थी परंतु संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार द्वारा मिलीभगत करके मूल डिजाइन में परिवर्तन कर घटिया सामग्री का निर्माण किया गया। साथ ही जो निर्माण कार्य आवश्यक नही थी तो भी अनावश्यक रूप से उनका निर्माण किया गया तथा एक जगह गड्ढा खोदकर दूसरी जगह भरने के नाम पर दोनों जगह से पैसा उठाया गया इस तरह के गुणवत्ता हिन कार्य करके पटेल स्टेडियम को भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर चढ़ाया जा रहा है। डिप्टी मेयर नीरज जैन ने बताया कि पीएमओ में शिकायत के बाद पीएमओ ने 31 अगस्त 2023 को मामले की जांच करवाने के आदेश दिए थे उसके बाद स्मार्ट सिटी मिशन भारत सरकार ने 3 नवंबर 2023 को राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को जांच करवाने के आदेश दिए, 14 दिसंबर 2023 को राजस्थान सरकार के RUDSICO ने अजमेर स्मार्ट सिटी के सीईओ को पूरे मामले में आवश्यक कार्यवाही के आदेश कर सूचित करने को कहा था लेकिन आज पूरे 9 महीने तक इस जांच को दबा दिया गया क्योंकि स्मार्ट सिटी की सीईओ का चार्ज तत्कालीन जिला कलक्टर के पास था। पूरे मामले में लीपापोती की गई ताकि भूमाफियो को लाभ पंहुचाया जा सके। डिप्टी मेयर नीरज जैन ने यह आरोप लगाया है की यदि जांच सही समय पर की जाती तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर अधिकारियों द्वारा किए गए घपले घोटाले बाहर आ जाते और आज पूरे शहर में जो पानी भर गया वो पानी नहीं होता। किसी भी कॉलोनी में बरसाती पानी भरने की संभावना भी नही होती। जैन ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर अजमेर की जनता के साथ अधिकारियों ने छल किया है जिसके कारण शहर आज डूबने की कगार पर पंहुच गया है। जैन ने बताया कि जांच समय पर नहीं करने की शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी की है।

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