— परिजनों ने लगाया इलाज में देरी का आरोप
— अस्पताल प्रशासन और परिजनों में सुलह वार्ता के बाद लिया शव
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
किशनगढ़ रेनवाल। ( नवीन कुमावत)। शहर के उप जिला अस्पताल में मंगलवार को श्वांस के एक अधेड़ मरीज की मौत के बाद परिजनों ने कथित रूप से
इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के मुख्यद्वार पर धरना देते हुए शव लेने से इंकार कर दिया। मुख्य द्वार पर धरना देते हुए परिजनों ने आरोप लगाया कि एक चिकित्सक की इलाज में लापरवाही एवं अस्पताल प्रशासन के ढीले रवैए के चलते यह मौत हुई है।
वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं हुई है। इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि कोई दोषी हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शन – धरने की सूचना पर रेनवाल थानाधिकारी सुरेन्द्र कुमार मयटीम मौके पर पहुंचे और किसी भी अप्रिय घटना के लिए मुस्तैद नजर आए। परिजनों और अस्पताल प्रशासन के साथ मौजीज लोगों की समझाइश के बाद धरना समाप्त कर परिजनों मृतक का शव लेना स्वीकार कर लिया।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को श्वांस की तकलीफ होने पर सलीम नीलगर पुत्र नूर मोहम्मद उम्र 65 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 24 को सुबह करीब 8 बजे उसके परिजन लेकर सरकारी डॉक्टर शिवराम ताखर के यहां उनके क्वार्टर पर पहुंचे। यहां उन्होंने स्वयं की पर्ची बनाकर उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया। लेकिन परिजनों का आरोप था कि यहां अस्पताल प्रशासन ने काफी देर तक कोई ध्यान ही नहीं दिया। और इसी कारण से देरी से इलाज के कारण मरीज की मौत हो गई।
उधर, उप जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र सेपट का कहना है कि वे इस मामले की पूरी जांच करेंगे, यदि कोई दोषी पाया गया तो जांच में स्पष्ट हो जाएगा। इस दौरान अस्पताल परिसर में समझाइश में उप जिला अस्पताल पीएमओ डॉक्टर राजेंद्र सेपट, डॉक्टर प्रमोद चौधरी, पार्षद धर्मेंद्र चौधरी, शाहिद, कमलेश बांगड़वा, भाजपा के लक्ष्मीकांत तोतला, विरेंद्र कुमार मिश्रा, राजेश रावत आदि मौजूद रहे।
इस मामले में धरना प्रदर्शन करने वालों में मृतक की पुत्री निशा नीलगर, दीपक सिंह शेखावत प्रतापपुरा, सलीम रंगरेज, सोनू खान, फैजान खान, अरबाज कायमखानी, जाकिर निर्माण, फैजल कुरेशी सहित कई लोग शामिल रहे।