जयपुर । राजस्थान विधानसभा में इस बार कई दिग्गज नेता नजर नहीं आएंगे। जिनमें से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ भी है। राजेंद्र सिंह राठौड़ विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट के लिए उनसे बेस्ट उदाहरण कोई नहीं हो सकता है । भले ही वह सत्ता में रहते हो या विपक्ष में रहते हो, वह दोनों ही भूमिका में विधानसभा के अंदर सदन में फ्लोर मैनेजमेंट कैसे करना है राजेंद्र राठौड़ से बेहतरीन कोई नहीं कर पाया । शासन होता है तो संसदीय कार्य मंत्री के दायित्व निभाते हैं ।उस दौरान भी विपक्ष के सवालों के जवाब कैसे देने हैं? विपक्ष का मुकाबला कैसे करना है कि सवाल पर हल्ला मचाना है, कि कब वैल में खड़ा होना है, किसका कैसे घेराव करना है ,किसका क्या जवाब देना है, तमाम बातें राजेंद्र सिंह राठौड़ सिर्फ बेहतर कोई नहीं जानता।
जब कांग्रेस सत्ता में रहती है और नेता प्रतिपक्ष भले ही कोई भी रहे हो, उनकी भूमिका को कोई नजरअंदाज नहीं कर पाता। इस बार तो वह खुद नेता प्रतिपक्ष रहे तो वह ज्यादा बेहतरीन तरीके से फ्लोर मैनेजमेंट करते है। क्योंकि यह उनका एक लंबा अनुभव था जिसका वह सदन में भरपूर उपयोग करते थे और उसका आनंद भी लेते थे । उनका फ्लोर मैनेजमेंट करना सबको दिखता था। इस बार राजेंद्र राठौड़ चूरू से चुनाव हार गए। ऐसे में इस बार राजस्थान विधानसभा में राजेंद्र सिंह राठौड़ की कमी जरूर खलेगी और अभी 2 दिन विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी उनकी कमी खली। क्योंकि कांग्रेस के खांटी नेताओं को कैसा जवाब देना है ,किस मुद्दे पर घेरना है , किस मामले में में सदन में खड़ा होना है , एक हाथ से अपने पक्ष के विधायकों को इशारा करना सामने सत्ता पक्ष के सवालों के जवाब देना और सदन में माहौल बनाना हंगामा करना तमाम उनके बाएं हाथ का खेल रहा । यह काम राजेंद्र सिंह राठौड़ बेहतरीन तरीके करते थे ।
राजेंद्र राठौड़ की कमी न केवल भाजपा को महसूस हो रही है बल्कि दूसरे लोगों को महसूस हो रही है । एक अच्छा नेता इस बार चुनाव जीत कर नहीं आया। ऐसा नहीं की नरेंद्र बुडानिया कोई खराब नेता है, वह वरिष्ठ आदमी है, उनका अपना स्थान है । बात राजेंद्र सिंह राठौड़ की जा रही है तो वाकई में विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट में उनका कोई मुकाबला नहीं था आज 2 दिन चली विधानसभा के दौरान सब ने राजेंद्र सिंह राठौड़ की कमी महसूस की लोगों का तो यहां तक कहना था कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें पिछले 5 साल में जो लगातार विपक्ष में रहकर भूमिका निभाई है पार्टी आने वाले दिनों में राजेंद्र सिंह राठौड़ कोई बड़ी जिम्मेदारी देकर उनकी सेवा का फल देगी क्योंकि राजेंद्र सिंह राठौड़ और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया है पिछले 5 साल में सरकार को गर्ने का काम किया है और लगातार 5 साल दोनों नेता एक्टिव रहे हैं इससे कोई चुटकुला नहीं सकती बहुत से नेता तो सिर्फ चुनाव के समय नजर रखते हैं राजेंद्र सिंह राठौड़ और सतीश पूनिया तो पिछले 5 साल सदन में और सदन के बाहर पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर खड़ा रखा सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी उसे कोई भूला नहीं सकता है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय मैनेजमेंट भी इन दोनों नेताओं को आने वाले समय में उचित सम्मान देगा ऐसी उम्मीद की जा रही है ।