प्रयागराज में गैंगरेप के बाद माता- पिता , बेटे और बेटी की हत्या

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व्यवस्था का नर संहार

व्यवस्था का अंतिम संस्कार

संविधान दिवस के दिन उड़ी संविधान की धज्जियां की धज्जियां

प्रयागराज। देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा था तो दूसरी तरफ इस दौरान प्रयागराज में 16 वर्षीय लड़की के साथ में गैंगरेप के बाद उसके माता-पिता , भाई और रेप पीड़िता की हत्या का मामला सामने आया है। मृतका के भाई ने पुलिस में गांव के ही बदमाश आकाश सिंह , बबली सिंह, अमित सिंह, रवि ,मनीष ,अभय, राजा ,रंजू ,कुलदीप, काना ठाकुर और अशोक सिंह के खिलाफ गैंगरेप और उसके बाद सामूहिक हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया है। भाई का आरोप है कि सभी आरोपी ठाकुर परिवार से है। जो मृतक परिवार के पड़ोसी भी बताए जा रहे हैं। उन्होंने मृतक परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। जो सारी लड़ाई जमीनी विवाद के चलते 5 सितंबर 2019 में हुई थी फिर 21 सितंबर 2021 को शुरू हुई थी । तब भी दबंगों ने मृतक परिवार के साथ मारपीट की थी और जान से मारने की धमकी दी थी। इसकी पूर्व में ही एफ आई आर दर्ज है । फाफामऊ थाने में पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट पर पुलिस ने दलित परिवार को धमकाकर समझौता कराने का प्रयास भी किया था । पुलिस यहां पर खुले तौर पर आरोपियों की मदद कर रही थी । यदि पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर कार्यवाही की होती तो ना तो गैंग रेप होता और ना ही सामूहिक हत्याकांड का सामना करना पड़ता। आरोपियों ने बेटी के साथ गैंगरेप किया विरोध करने पर सभी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। घटना का खुलासा शवों से बदबू आने से हुआ।

पुलिस ने दिया बदमाशों को प्रोटेक्शन

पीडि़त परिवार के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट लिखाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की । जो लोग लगातार जान से मारने की धमकी देते थे। अपराधियों को ही कुर्सी पर बैठाती थी और पीड़ितों को थाने से भगा देती थी उ। नके साथ गाली गलौज करना मजाक उड़ाना पुलिस कर्मियों के लिए आम बात थी। मृतक के भाई का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस ने दबंगों की मदद कर सामने वाले को धमकाया भी होता तो आज परिवार जिंदा रहता है। परिजनों के आरोपों के बाद पुलिस प्रशासन ने थाना अध्यक्ष राम केवट पटेल और सिपाही सुशील कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है।

चारपाई पर निर्वस्त्र मिला बेटी का शव

चारपाई पर बेटी का निर्वस्त्र शव मिला। बरामदे के सामने पुरुष का शव चारपाई पर पड़ा था । भाइ का शव चारपाई के नीचे पड़ा था। महिला के भी कपड़े अस्त-व्यस्त थे । चारपाई के नीचे बेटे का शव जमीन पर पड़ा था । वहीं बरामदे से सटे कमरे में बेटी का शव निर्वस्त्र पड़ा था । बेटी का शव और वस्त्रों को देखकर कह सकते हैं कि पहले बेटी के साथ गैंगरेप किया गया। विरोध करने पर मां- बाप और भाई को भी उसके साथ साथ मौत के घाट उतार दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

शुक्रवार को दी गई सामूहिक मुखाग्नि

प्रयागराज में शुक्रवार की शाम को पति- पत्नी और बेटे- बेटी के शवों को एक साथ मुखाग्नि दी गई। सभी लोगों की आंखें नम हो गई । लोगों में गुस्सा भी था और आपको इस बात को लेकर कि यदि पुलिस लगाकर कार्यवाही की होती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता है। पुलिस ने पति पत्नी और बेटे बेटी की हत्या रूम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया ।

प्रियंका गांधी को देखकर फुट पड़ी रुलाई

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रियजनों परिजनों से मुलाकात भी की। प्रियंका गांधी ने कहा कि इस सरकार में दलित, गरीब और वंचित की कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। लेकिन पूछने वाला नहीं है। परिजनों ने प्रियंका को अपने बीच देखकर दहाड़े मार- मार कर रोने लगे। महिलाओं के रुलाई देखकर प्रियंका भी अपने आंसू नहीं रोक पाई। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है । इस सरकार में गरीब ,कमजोर, दलित ,पिछड़ों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है । आज संविधान दिवस है, न्याय संविधान का सबसे महत्त्वपूर्ण मूल्य है। मैं न्याय की लड़ाई के लिए सबके साथ खड़ी हूं। इऩकी लड़ाई में लडूंगी। इऩ्हें न्याय मिले इसके लिए लड़ेंगे।

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