अश्वनी वैष्णव हो सकते हैं राजस्थान के नए मुख्यमंत्री?

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जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बयान के बाद राज्य स्पष्ट हो गया कि राजस्थान में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा ।सूत्रों का कहना है कि इस बार तीनों प्रदेशों में बीजेपी मुख्यमंत्री के चेहरे बदल रही है, इसलिए किसी भी प्रदेश में पुराने चेहरों को मौका नहीं दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय टीम ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान में किसी नए चेहरे को मौका देने का निर्णय किया है। इसमें सबसे टॉप पर नाम अश्विनी वैष्णव और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम चल रहा है ।

अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ब्राह्मण समाज से भी है राजस्थान के पाली जिले के रानी के जीव नंद कला गांव के रहने वाले हैं। बाद में परिवार जोधपुर में बस गया और जोधपुर में शिक्षा दीक्षा हुई है आईआईटी कानपुर से की और उड़ीसा कैडर के आईएएस रहे हैं। वर्तमान में रेल मंत्री है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमित शाह के सबसे नजदीकियों में से एक है। प्रशासनिक क्षमता भी उनकी जानी पहचानी है और मंत्री के तौर पर भी ठोक बजा कर रखे हुए व्यक्ति हैं । ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में नेताओं की आपसी लड़ाई को खत्म करते हुए एक निर्विवाद व्यक्ति को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना दिया जाए और इसमें अश्वनी वैष्णव का नाम सबसे ऊपर चल रहा है । बताया जा रहा है कि अश्वनी वैष्णव नवाचार करने में भी बहुत आगे हैं। ऐसे में वह राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा किए गए नवाचारों की तर्ज पर राजस्थान में बहुत कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे भाजपा आने वाले 20 साल तक राजस्थान में सत्ता में बनी रहे। वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सभी 25 की 25 सीट जीतना चाहती है ।इसलिए भी अश्वनी वैष्णव का नाम आगे किया जा रहा है। जिससे पूरे देश में ब्राह्मण समाज का जो मुख्य वोट बैंक है भारतीय जनता पार्टी का वह भी बना रहे और उनका विश्वास और बढ़ सके । मौजूदा विधायकों में से कोई भी व्यक्ति इतना विश्वासनीय नहीं है। मोदी और उनकी टीम का नहीं है। सीपी जोशी के लिए भी यह माना जा रहा है कि सीपी जोशी भी मोदी और अमित शाह के पसंद है ।वह सांसद भी है दो बार सांसद चुने गए हैं ।संघनिस्ट भी हैं । लेकिन यह लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में ही शामिल है ऐसी स्थिति में उनके नाम आगे करने पर स्थानीय नेताओं में विद्रोह हो सकता है। इसीलिए सीपी जोशी की बजाय केंद्रीय नेतृत्व अश्वनी वैष्णव को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। बताया जा रहा की वसुंधरा राजे का जयपुर में विधायकों से मुलाकात करना और विधायक की ओर से जो बयान बाजी की गई उसमें 60 विधायकों का वसुंधरा राजे के पक्ष में हो,ना फिर पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ का यह कहना की राजस्थान में वसुंधरा के बिना सरकार बनाना संभव नहीं है। बीजेपी के साथ विधायकों का समर्थन वसुंधरा राजे के साथ है। इसको भी पार्टी नेतृत्व में गंभीरता से लिया है कि आखिरकार जब पार्टी नेतृत्व में किसी तरह का निर्णय नहीं किया था तब इस तरह का शक्ति प्रदर्शन करना कहां उचित था। पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पार्टी के खिलाफ बगावत मानकर चल रहा है और चुनाव में भी वसुंधरा राजे अलग-अलग सी रही। इसलिए पार्टी के नेतृत्व में पहले ही तय कर लिया था कि इस बार का चुनाव वसुंधरा राजे के नेतृत्व में नहीं लड़ा जाएगा। पार्टी ने सिर्फ यह मोदी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा चेहरा भी कमाल का फूल बताया गया ।और ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व अब वसुंधरा राजे को किसी भी कीमत पर राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहत हो सकता भविष्य में राज्य को केंद्रीय स्तर पर कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है । किसी सुबे का राज्यपाल बना दिया जाए या फिर राष्ट्रीय महामंत्री या फिर किसी अन्य पद पर उनको बैठा दिया जाए। लेकिन राजस्थान में उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। ऐसा बार-बार केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से इशारा दिया जा रहा है और जैसा कि आज कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी अब तीनों ही प्रदेशों में मौजूद लोगों में से यानी पूर्व मुख्यमंत्री को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की जगह भी कोई नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा ।छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की जगह भी कोई नया मुख्यमंत्री बनाए जा रहे हैं और राजस्थान में भी वसुंधरा राजे के स्थान पर नया ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

भागवत की संभावना

वहीं दूसरे धड़े का कहना है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व में वसुंधरा के अलावा किसी और को राजस्थान की कमान सोने की कोशिश की तो राजस्थान में बगावत हो सकती है और विरोध का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी में विद्रोह हो सकता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता इस बात के लिए तैयार है उनका कहना है कि पार्टी की तरफ से जब एक लाइन का फैसला आएगा और पार्टी किसी एक व्यक्ति के नाम पर मोहर लगा देगी तब पार्टी के सभी विधायक उसके साथ होंगे। कोई भी विद्रोह करने की स्थिति में नहीं होगा हालांकि आज वसुंधरा राजे दिल्ली में है उनके लिए कहां है जा रहा है कि वसुंधरा राजे दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं को इस बात की सफाई देने गई है कि दो दिन पहले जो उनके आवास पर विधायक आए थे । वह कोई उनका शक्ति प्रदर्शन नहीं था यह सिर्फ और सिर्फ जीत की बधाई देने का अवसर था और इसके बाद सभी विधायकों ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से भी मिलकर शुभकामनाएं और बधाई दी है । राजे ने यहां तक भी कहा कि पार्टी का नेतृत्व जो अभी आदेश देगा वही सब कुछ स्वीकार है और सभी उसी को मंजूर करेंगे कोई भी पार्टी की नीति और नीतियों और निर्देशों से बाहर नहीं जाएगा । जाहिर सी बात है जब वसुंधरा राजे इस तरह की बात कर रही है तो पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व किसी को भी मुख्यमंत्री बन सकता है । लेकिन अभी राष्ट्रीय नेतृत्व एक-दो दिन और देख रहा है । जिससे इस बात का पता लग सके की विधायकों में केंद्रीय नेतृत्व के प्रति कितनी आस्था है और कितना विद्रोह है ।

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