स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में सात दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

”सुनियोजित कृषि तकनीकें” विषय पर 21-27 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

बीकानेर (विजय कपूर) । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को ”सुनियोजित कृषि तकनीकें” विषय पर सात दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बीकानेर पश्चिम विधायक श्री जेठानंद व्यास ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की। विदित है कि कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के सुनियोजित खेती विकास केंद्र द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय सुनियोजित कृषि और बागवानी समिति द्वारा प्रायोजित यह प्रशिक्षण 21 से 27 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किसान हिस्सा ले रहे हैं। मानव संसाधन निदेशालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए बीकानेर पश्चिम विधायक श्री जेठानंद व्यास ने कहा कि बीकानेर का विकास तभी होगा जब किसान उच्च तकनीक से खेती करेंगे। कृषि के साथ साथ उद्योग और व्यापार का विकास होगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अब पढ़ लिख गई तो खेती का काम उन्हें अच्छा नहीं लगता। लेकिन पढ़ी लिखी युवा पीढ़ी को उच्च तकनीक खेती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीकानेर में कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज खोलने की मांग इस बार कृषि बजट में ही पूरी करवाने की पूरी कोशिश की जाएगी।कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि किसान यहां से जो भी तकनीक सीख कर जाएं,उसे खेत में अपनाएं। ताकि अन्य किसान भी उसे देखकर उन्नत किसान बन सके। किसान अगर खेती में उच्च तकनीक का इस्तेमाल करेंगे तो बेहतरीन खेती कर सकेंगे। किसान खुशहाल होगा तो देश की तरक्की में भागीदार बनेगा। वित्त नियंत्रक श्री पवन कस्वां ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने के साथ कृषि जोत कम होती जा रही है। लिहाजा उच्च तकनीक खेती से ही किसान तरक्की कर सकेगा। आगामी कृषि बजट में बीकानेर में कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज खोलने की मांग उन्होंने विधायक के सामने रखी। अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि आज किसानों को डेटा आधारित हाई-फाई खेती करने की आवश्यकता है।

अंधाधुंध यूरिया, डीएपी और पेस्टीसाइड के इस्तेमाल के बजाय कंप्यूटर आधारित ऑटोराइजेशन अपनाना बहुत जरूरी है। वीसी से जुड़े एनसीडीएएच के संयुक्त निदेशक श्री कृष्ण कौशल ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कृषि से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के साथ साथ खेती की उच्च तकनीक की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी जाएगी। इससे पूर्व कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने कार्यक्रम के शुरुआत में बताया कि लो टनल खेती, पॉली हाउस, एग्रो नेट हाउस इत्यादि के जरिए किसान विभिन्न सब्जियों की अगेती खेती कर दुगुने, तिगुने भाव में सब्जियां बेच सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक इंजीनियर जे.के गौड़ ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित पीएफडीसी सेंटर की स्थापना 1998 में की गई थी। ये राजस्थान का एकमात्र सेंटर है। उन्होने कहा कि किसानों को प्रशिक्षण में किसानों को बूंद-बूंद सिंचाई समेत कृषि की विभिन्न उच्च तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। कार्यक्रम के आखिर में कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ एच.एल.देशवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। खाजूवाला से आए किसान श्री नरेश प्रजापत व झझू से आए किसान श्री सरवर अली ने कहा कि किसान 25 बीघा जमीन में होने वाली इनकम उच्च तकनीक खेती के जरिए मात्र एक बीघा से ले सकता है। इससे पूर्व अतिथियों का साफा पहना कर और बुके भेंट कर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती की मूर्ति के आगे द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मानव संसाधन निदेशालय निदेशक डॉ दीपाली धवन, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमला ढुकवाल, भू सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डॉ दाता राम समेत सभी डीन, डायरेक्टर समेत बड़ी संख्या में किसान व स्टूडेंट्स मौजूद रहे। मंच संचालन डॉ बी.के.त्रिपाठी ने किया।

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