लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग को वैधानिकता प्रदान करने एवं उसके द्वारा तैयार प्रतिवेदनों पर संसद में बहस कराने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली। इसी क्रम में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने, कृषि उत्पादों पर जी.एस.टी. समाप्त करना, नैनो यूरिया एवं डीएपी की बाध्यता बंद करना, लूट रहित सभी उपजों के दाने-दाने की खरीद के लिए तिलहन-दलहन एवं मोटे अनाजों की खरीद पर प्रतिबंध समाप्त कर भेद-भाव रहित खरीद नीति तैयार करना, कृषि उत्पादों के संबंध में आयात-निर्यात , शुल्क एवं न्यूनतम निर्यात मूल्य में अंतिम निर्णय करने का अधिकार वित्त मंत्रालय से हटाकर कृषि मंत्रालय को देने, नकली खाद, बीज, कीटनाशकों को रोकने की प्रभावी कार्यवाही के साथ उनकी उपलब्धता समय पर एवं उचित मूल्य पर सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में अनुशंसा करने का आग्रह किया ।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा को कृषि से जोड़ने , कृषि उत्पादन पर जी.एस.टी. कम करना , न्यूनतम समर्थन मूल्य की सार्थकता के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने जैसी अनुशंसा आयोग द्वारा पूर्व में की गई थीं । सरकार द्वारा इन अनुशंसाओं पर सार्थक – सार्थक पहल नहीं की गई। इसलिए इन अनुशंसाओं को दौराने का भी आग्रह किया गया है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा अब तक की गई गैर मूल्य अनुशंसाओं की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। जिससे कितनी गैर मूल्य अनुशंसाओं पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई , इसकी जानकारी किसानों को प्राप्त हो सकेगी।
इस बैठक में किसान महापंचायत की और से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्धारित तुलाई के अतिरिक्त 1 से 5 किलो सरसों एवं चना लेने से हुए 30 करोड़ 29 लाख 31 हजार रुपए का किसानों को हुए घाटे के संबंध में किसान महापंचायत के युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगतियों को प्रकट करने के सम्बन्ध में प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा ने विशेष प्रतिवेदन तैयार कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया।
इनके अतिरिक्त उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष भोपाल सिंह चौधरी ने पहाड़ी क्षेत्र में बे-सहारा गाय एवं बंदरों से होने वाली फसलों की क्षति को रोकने का आग्रह किया। किसान मंच उत्तराखंड के प्रतिनिधि पीयूष जोशी ने भी इसका समर्थन किया ।
इसी क्रम में किसान महापंचायत के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने ज़ायद में उत्पादित मूंग खरीद नहीं होने से किसानों को हुए घाटे पर चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल खरीद आरंभ करने तथा भविष्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने के उपरांत किसानों को आंदोलन करने की विवशता से बचाने को अपरिहार्य माना।
इस बैठक में अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की जिनमें ऑल इंडिया किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक, भारतीय किसान संघ , सीफा , पीजेंट फार्मर एसोसिएशन ,भारतीय किसान यूनियन हरियाणा आदि प्रमुख है ।
इन संगठनों की और से वक्ताओं में धर्मेंद्र मलिक, अशोक बालियान ,अक्षांश पंडित, बिपिन चंद्र पटेल, सेवा सिंह आर्य प्रमुख है
क़ृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक नई दिल्ली में स्थित डां. अम्बेडकर अन्तर राष्ट्रीय केन्द्र भवन में आयोजित की गई , जिसकी अध्यक्षता डां. विजय पॉल शर्मा आयोग के अध्यक्ष ने की उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने तथा आयातित तिलहन एवं दलहन की उपजों का उत्पादन कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए किसानों को लाभकारी मूल्य देने हेतु क़ृषि उत्पादों की लागत कम करने के लिए प्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित किए।
कार्यक्रम का संचालन सदस्य सचिव सिरियक जॉर्ज ने किया । आयोग की और से गैर सरकारी सदस्य रतनलाल डांगा ने स्वागत भाषण किया। आयोग के उपनिदेशक स्तर तक के सभी अधिकारियों की उपस्थिति रहीं।