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सतीश पूनियां के बधाई के होर्डिंग हटवाए सांसद मनोज राजोरिया ने?

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सांसद मनोज राजोरिया निहाल गंज थाने में आपत्ति दर्ज कराई पुलिस ने नगर परिषद के सहयोग से होल्डिंग्स को हटाया

धौलपुर ।भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर गुटबाजी में देखी जा रही है। हाल ही में 24 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया का जन्मदिन था। जिस पर पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने शहर में चारों तरफ बोर्डिंग लगा दिए । करौली सांसद डॉ मनोज राजोरिया के नाम से भी धौलपुर और करौली जिले में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां को जन्मदिन पर बधाई के संदेश के होर्डिंग लगा दिए। पूनियां को राजोरिया की बधाई संदेश के होर्डिंग पर भड़क उठे और इस पर आपत्ति जताई ।

किसी कार्यकर्ता ने प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देने के लिए सांसद के नाम से प्रदेश अध्यक्ष को दी गई बधाई संदेश लगवा दिया। इस पर आपत्ति आपत्ति दर्शाते हुए सांसद ने जोधपुर पुलिस को शिकायत पत्र लिखा । सांसद ने आपत्ति में बताया की उनकी बगैर अनुमति के बधाई संदेश लगाए गए हैं ,लिहाजा इनको हटाया जाए । सांसद की शिकायत पर निहालगंज थाना पुलिस ने नगर परिषद प्रशासन के सहयोग से सांसद राजोरिया के साथ सतीश पूनिया की बधाई संदेशों को हटाया। तब जाकर सांसद ने राहत की सांस ली । सतीश पूनिया के बधाई संदेश हटाने से जिला की भाजपा राजनीति में एक बार फिर से सियासी भूचाल आ गया। भाजपा यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की गुटबाजी में बटी नजर आई। हालांकि थोड़ी देर भी मनोज राजोरिया ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पुत्रवधू की तबीयत खराब होने पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया था और जिसमें खुद सांसद भी मौजूद रहे थे। माना जा रहा है कि राजोरिया वसुंधरा राजे गुट के हैं इसलिए उनके किसी विरोधी ने उनकी फोटो सहित सतीश पूनिया को जन्मदिन पर बधाई देने के आर्डिंग शहर में लगवा दिए थे। जिसको लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की । नाराजगी भी ऐसी की शायद ही किसी नेता ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जताई होगी। लेकिन वर्तमान में सतीश पूनिया पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है। ऐसे में उनके सम्मान में लगाया गया जन्मदिन की बधाई संदेश के होर्डिंग पोस्टर को पुलिस ने मुकदमा दर्ज करवा कर हटवाना कहीं ना कहीं पार्टी के बीच बढ़ रही बड़ी खाई को दर्शाता है। शायद यह पहला मामला होगा जब पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही पार्टी के ही सांसद ने इस तरह का आचरण किया होगा । क्योंकि एक तरह से यह प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देने के बाद उनके होर्डिंग हटाना उनका अपमान करने के समान है। हो सकता है आने वाले समय में ये विवाद और बड़े लेकिन एक बार तो होर्डिंग हटाने से सांसद मनोज राजोरिया चर्चा में जरूर आ गए हैं।

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