जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अध्ययनरत महाविद्यालयों की छात्राओं से राजस्थान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धरातल से प्राप्त सुझावों के आधार पर अपनी आगामी योजनाओं को बेहतर बना सकेगी। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों, विशेषकर बालिकाओं को उनकी इच्छाओं और आशाओं के अनुरूप करिअर में आगे बढ़ने के लिए विशेष शिक्षण एवं समुचित कोचिंग की व्यवस्था करवाई जाए।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के शुभारंभ समारोह के दौरान स्कूटी प्राप्त करने वाली लाभार्थी छात्राओं से संवाद कर रहे थे। उन्होंने छात्राओं से उनकी पढ़ाई, परिवार की स्थिति, करिअर के लक्ष्य पर चर्चा की तथा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई योजनाओं पर फीडबैक लिया।
गहलोत ने कहा की राजकीय शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने विभिन्न वंचित वर्गों के विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए इस बजट में घोषित ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा, ताकि बड़ी संख्या में पात्र विद्यार्थी इसका लाभ ले सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली वीर बालिका कालीबाई भील नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आदिवासी बालिका और उनके गुरूजी नानाभाई भील ने उस दौर में शिक्षा के महत्व को समझा, जब अंग्रेजों के शासन में हर व्यक्ति को पढ़ने की इजाजत नहीं थी। गुरूजी नानाभाई तथा कालीबाई ने अपनी पाठशाला को बंद करने के सरकारी आदेश को मानने से इंकार किया और अंग्रेजों के दमन के खिलाफ संघर्ष में अपने जीवन का बलिदान कर दिया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, विधायकगण, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, आयुक्त कॉलेज शिक्षा संदेश नायक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी जिला कलक्टर, कॉलेज प्राचार्य तथा बड़ी संख्या में मेधावी विद्यार्थी भी वीसी के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।