सुमेरपुर ,जयपुर । (अरविंद कुमार जोशी वरिष्ठ संवाददाता राजस्थान भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओर राज्य सभा सांसद मदन राठौड़ 3 अगस्त को अपना पद ग्रहण जयपुर में करेंगे।
इस अवसर पर भाजपा के प्रमुख राष्ट्रीय नेता और प्रदेश स्तरीय नेता भी आयोजन में इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे। वहीं बड़ी संख्या में उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता भी मौजुद रहेंगे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ,सभी मंत्रीमंडल के सदस्य ,सभी पूर्व अध्यक्ष प्रदेश पदाधिकारी होंगे शामिल
राठौर के पिछले बीस वर्षो से निजी सहायक संजय बघेल ने बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्रीभजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कैबिनेट मंत्रीगण एवं प्रदेश के नेता, विधायक गण भाग लेंगे। भाजपा कार्यालय में विधि विधान से पंडितों द्वारा पूजा अर्चना कर राठौर अपना पद भार ग्रहण करेंगे। राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
राठौड़ सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। तो पाली जिले के चार बार जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
सात माह पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक फोन कॉल राठौर की राजनीति बदली
आपको बता दे कि इस बार विधानसभा चुनाव में राठौर का टिकट नहीं मिला था। राठौर ने निर्दलीय प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरे थे। राठौर ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन भी किया था। लेकिन मोदी के एक फोन आने के बाद राठौर ने अपना आवेदन वापस लिया था। उसका तोहफा पांच माह बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बनकर दिया। लेकिन अब सबसे बड़ा तोहफा पूरे राजस्थान भाजपा की कमान राठौर के हाथ में सौपकर उनका बड़ा तोहफा दिया।
शहर में केबिनेट मंत्री के साथ लगे अन्य के पोस्टर, होर्डिंग हटे
पाली जिले में राठौर के बैनर लगाने से कार्यकर्ता डरते थे, लेकिन अब पाली जिले में बैनर होडिंग अंबार देखने को मिल रहा है, सुमेरपुर शहर में तो हर चौराहे पर बड़े-बड़े होडिंग दिखाई दे रहे हैं, 6 7 महीने पहले तो राठौर के साथ फोटो खींचने से कार्यकर्ता डर रहे थे, लेकिन मदन राठौड़ से दिल से जुड़े कार्यकर्ता हमेशा साथ रहते थे। क्योंकि पाली जिले में दो बड़े नेताओं की लड़ाई में कार्यकर्ता भी बहुत दुखी थे, फोटो खींचने के बाद कई कार्यकर्ता कई बड़े नेता को फोटो ना भेजें जिससे डरते थे।
राज्यपाल बनाकर ओम प्रकाश माथुर को सक्रिय राजनीति से दूर किया.
दरअसल, राठौड़ के साथ भाजपा के बड़े नेता और हाल ही में सिक्किम के राज्यपाल बनाए ओम प्रकाश माथुर को लेकर थी सियासी गलियारा चर्चा में व्याप्त है। पाली जिले के बेडल से देश की शीर्ष भाजपा की राजनीति मे राज करने वाले ओम प्रकाश के पहले प्रदेशाध्यक कार्यकाल में वर्ष 2008 में सिटिंग विधायक रहने के बावजूद राठौड़ का सुमेरपुर से टिकिट कट जाने ओर दुबारा वर्ष 2018 में भी राठौड़ के सिटिंग विधायक होने के बावजूद पार्टी से टिकिट कट जाने का बड़ा कारण माथुर ही माने गए थे। लेकिन कहते हैं ना की समय बड़ा बलवान होता है। आज माथुर के इर्दगिर्द रहने वाले ओर उनकी छत्र छाया में राजनीति करने वाले तकरीबन सभी हासिए पर आ गए हैं। क्योंकि माथुर को बढ़ती उम्र के साथ ही सक्रिय राजनीति से दूर करने ओर उन्हें सम्मान जनक वर्तमान की राजनीति से विदाई देने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृव ने राज्यपाल बना कर और राठौड़ को पावरफुल अंदाज में राजस्थान की राजनीति करने के का बड़ा संकेत माना गया है।