धार्मिक स्थलों को व्यवसाय और मनोरंजन का केंद्र न बनाएं -महिमा कुमारी

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नई दिल्ली /ब्यावर, (हेमन्त साहू)। सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने लोकसभा में पहली बार में ही धार्मिक पाखंड और धर्म के व्यवसायीकरण पर प्रश्नों की बौछार कर दी। लोकसभा में बजट सत्र के दौरान राजस्थान में सबसे बड़ी जीत के लिए राजसमंद संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का आभार और कार्य के प्रति अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि में उस प्रदेश से आती हूं जो भक्ति, शक्ति और वीरता के लिए जाना जाता है।
में उस क्षेत्र से आती हूं जो मीरा बाई, पन्नाधाय, रानी पद्मिनी और हाड़ी रानी के लिए जाना और पहचाना जाता है। में उस वंश की बहु हूं जिसको पूरी दुनियां वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के नाम से जानती हैं। सांसद में कहा कि उनके पुरखों ने कभी भी जाति, वर्ग या स्त्री – पुरुष में कभी कोई भेदभाव नहीं किया। इस देश के लिए, इस मातृ भूमि के लिए सभी वर्गों ने समान रूप से बलिदान दिया है। लेकिन मुझे दुख है कि सदन में विपक्ष द्वारा जाति, धर्म और वर्ग के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है। मेवाड़ का इतिहास 1400 सालों से भी पुराना इतिहास रहा है जहां 36 ही कोमों को साथ लेकर, एक माला में बांधकर आगे बढऩे की परंपरा रही है। सांसद ने आसान के माध्यम से धर्म के व्यवसायीकरण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि धार्मिक स्थल, धार्मिक स्थल ही रहने चाहिए। धार्मिक स्थलों को मनोरंजन या व्यवसाय का केंद्र नहीं बनाना चाहिए। सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने अपने संसदीय क्षेत्र के नाथद्वारा क्षेत्र में स्थित विशाल शिव मूर्ति के व्यवसायीकरण के साथ मनोरंजन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि शिव मूर्ति में लिफ्ट लगाना, जूते चप्पल पहनकर जाने से धार्मिक भावनाएं आहत होती है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार से अनुरोध है की ऐसे स्थलों को सिर्फ धार्मिक स्थल के रूप में ही विकसित किया जाए।

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