डिमेंशिया का खतरा एवं बचाव के उपाय

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अनिल माथुर जोधपुर

डिमेंशिया एक मस्तिष्क विकार है जो व्यक्ति की स्मरण शक्ति, सोचने की क्षमता और दैनिक कार्यों को प्रभावित करता है। यह उम्र के साथ बढ़ता है, लेकिन इसके लिए कुछ बचाव और रोकथाम के उपाय अपनाए जा सकते हैं। इस लेख में हम डिमेंशिया के खतरे और उससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।

डिमेंशिया के खतरे:

  1. उम्र: उम्र बढ़ने के साथ डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। आमतौर पर 65 वर्ष की आयु के बाद इस विकार का जोखिम बढ़ जाता है।
  2. परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में पहले किसी को डिमेंशिया हो चुका है, तो इसका जोखिम बढ़ सकता है।
  3. मस्तिष्क में चोट: सिर में चोट लगने से मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, जो डिमेंशिया का कारण बन सकता है।
  4. अन्य बीमारियाँ: मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अवसाद जैसी बीमारियाँ डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
  5. जीवनशैली: धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, अस्वास्थ्यकर खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाती हैं।

डिमेंशिया से बचाव के उपाय:

  1. शारीरिक सक्रियता: नियमित व्यायाम करने से मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है और मस्तिष्क की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं। तेज चलना, तैराकी, योग और अन्य शारीरिक गतिविधियाँ डिमेंशिया से बचने में सहायक हो सकती हैं।
  2. संतुलित आहार: मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और मछली का सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से लाभकारी होते हैं।
  3. मानसिक व्यायाम: मस्तिष्क को चुनौती देने वाली गतिविधियाँ जैसे पहेलियाँ हल करना, किताबें पढ़ना, नई भाषाएँ सीखना, और खेल खेलना मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। इससे न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन मजबूत होते हैं और मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है।
  4. स्वस्थ नींद: पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद मस्तिष्क को आराम देती है और उसे पुनःचार्ज करती है। अनियमित नींद या नींद की कमी मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती है, जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।
  5. सामाजिक जुड़ाव: लोगों के साथ जुड़ाव बनाए रखना और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। अकेलापन और सामाजिक अलगाव डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  6. धूम्रपान और शराब से बचाव: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मस्तिष्क के लिए हानिकारक होते हैं। धूम्रपान से मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है।
  7. तनाव प्रबंधन: अत्यधिक तनाव मस्तिष्क के लिए नुकसानदायक हो सकता है। योग, ध्यान और सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करने में सहायक होती हैं, जिससे मस्तिष्क की सेहत में सुधार होता है। निष्कर्ष:
    डिमेंशिया का खतरा उम्र और अन्य कारकों के साथ बढ़ता है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली, नियमित शारीरिक और मानसिक व्यायाम, और संतुलित आहार से इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जागरूकता और सही उपाय अपनाकर हम अपने मस्तिष्क को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
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