सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका लगाकर एमबीसी आरक्षण पर फंसाया पेंच

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जयपुर । 2 फ़रवरी 2024 को राजस्थान सरकार द्दारा लगाई गई ट्रांसफ़र याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को नोटिस जारी किया है। अगामी 22 मार्च 2024 तक जवाब देने लिए पाबंद किया। पिछली गहलोत सरकार द्दारा गुर्जर सहित पाँच जातियों को 11 फ़रवरी 2019 को 5 फ़ीसदी MBC आरक्षण विधेयक विधानसभा से पारित किया था ।जिसके तहत 13 फ़रवरी 2019 को राजस्थान सरकार ने गुर्जर सहित पाँच जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 5% आरक्षण देने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था।

राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका DBCWP NO. 4565 of 2019 अरविंद शर्मा ने लगाकर MBC का 5% आरक्षण 50% सीमा से अधिक आरक्षण देने पर चुनौती दी गई।

पिछले पाँच तक राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई टलने से नाराज़गी व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया।

राजस्थान में सरकार बदलने के बाद ‘पर्ची’ वाली भाजपा सरकार ने 2 फ़रवरी 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित DBCWP No. 4565 /2019 अरविंद शर्मा बनाम राजस्थान सरकार पर ट्रांसफ़र याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाकर सुनवाई करने की अपील की है।

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की टृांसफ़र याचिका को स्वीकार कर लिया हैं..साथ ही पुराने SBC आरक्षण विधेयक 2015 को राजस्थान हाईकोर्ट द्दारा 9 दिसंबर 2016 रद्द किया ग

या था ढ। उसे तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में SLP के तहत चुनौती दी गई थी जो भी अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रही हैं। Civil Appeal
No.1464-1466/2017 को भी टैग कर लिया हैं..[ज्ञात रहे; सुप्रीम कोर्ट ने इसी SLP के अधीन रखकर 1252 कर्मचारियों को नियुक्त दी थी।

वर्तमान राजस्थान सरकार की ट्रांसफ़र याचिका के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने मुझे और दिवंगत कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी को नोटिस के ज़रिए सूचित किया है कि 13 फ़रवरी 2019 को MBC का 5% आरक्षण 50% से अधिक दिया गया था, तथा सुप्रीम कोर्ट में उक्त लंबित SLP के बाद भी गहलोत सरकार दुबारा आरक्षण विधेयक पारित किया और उसे चुनौती देने वाली याचिका के साथ टैग Civil Appeal No.1464-1466 /2017 पर अपना जवाब एक माह में प्रस्तुत करे।

राजस्थान में भाजपा सरकार उठाये गये इस निर्णय से गुर्जर सहित पांच जातियों MBC के लिए चिंताजनक स्थिति बन गई हैं। हमारे आरक्षण विधेयक पर तलवार लटक गई हैं।गुर्जर समाज लगातार मोदी सरकार से SBC/MBC आरक्षण विधेयक को संविधान कीं नवीं अनुसूची में शामिल करवाने की माँग करता आ रहा हैं।केन्द्र और राज्य में 2015-2018 तक भाजपा पार्टी का शासन रहा हैं पर शामिल नहीं किया जिसके कारण राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। वर्ष 2019 में अशोक गहलोत सरकार ने केन्द्र सरकार को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करवाने का संकल्प पत्र 22 फ़रवरी 2019 को भेजा था. केन्द्र सरकार ने पिछले 10 साल से SBC/MBC आरक्षण विधेयक को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया।..

संविधान की नवीं अनुसूची की माँग हमारे भाजपा के जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर हमारे युवा भी अवगत कराते रहे कि अशोक गहलोत सरकार ने समझौते के बाद ही केन्द्र सरकार को संविधान की नवीं अनुसूची सूची में शामिल करा कर इस पांच फीसदी आरक्षण को सुरक्षा चक्र प्रदान करे किंतु दुर्भाग्य है कि हमारे युवाओं की बड़ी शहादत और देश के बड़े आंदोलनकारी क़ौम को भाजपा सरकार ने वोट बैंक समझा।

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