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अफजल की फाँसी पर उमर अब्दुल्ला का बयान घोर राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी- साव

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उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पूछा : नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही कांग्रेस इस पर खामोश क्यों, क्या कांग्रेस अब्दुल्ला की राय से इत्तेफाक रखती है?

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल को दी गई फाँसी की सजा को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को घोर राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, जिसमें अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर उनकी राय ली जाती (यानी अगर उनकी चलती) तो वह फाँसी के लिए मना कर देते। अफजल को लेकर दिया गया यह बयान नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला के इरादों और नीयत को साफ कर देते हैं। साव ने सवाल दागा कि ऐसा कहकर अब्दुल्ला ने क्या साबित करने की चेष्टा की है? अगर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों को फाँसी दी गई है तो अब्दुल्ला को क्यों तकलीफ हो रही है? और, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ रही कांग्रेस, जिसके नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल में सन 2013 में फाँसी दी गई थी, इस पर खामोश क्यों है? क्या कांग्रेस इस राय से इत्तेफाक रखती है?

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प्रदेश के उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि संसद पर जिस आतंकवादी ने हमला किया और देश के लोकतंत्र को तबाह करने का षड्यंत्रपूर्वक दुस्साहस किया, देश के कई जनप्रतिनिधियों को मार डालने का षड्यंत्र किया, देश की अस्मिता को चोट पहुँचाई, ऐसे आतंकवादी को उमर अब्दुल्ला अगर उनकी चलती तो फाँसी देने नहीं देते! ऐसे देश विरोधी, राष्ट्र विरोधी आतंकवादी समर्थक उमर अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ रही है! ऐसे हालात में यह क्यों नहीं यह माना जाए कि कांग्रेस आतंकवादियों की समर्थक पार्टी है, देश की जनता के हत्यारों की समर्थक है, राष्ट्र विरोधी तत्वों की समर्थक है। श्री साव ने सवाल किया कि क्या आतंकवादियों से कांग्रेस के संबंध हैं? क्या उमर अब्दुल्ला के बयान का कांग्रेस समर्थन करती है? और, कांग्रेस अब्दुल्ला के कथन का अगर समर्थन नहीं करती है तो खंडन करके अभी तक गठबंधन से अलग क्यों नहीं हुई? यह कोई साधारण विषय नहीं है। श्री साव ने कहा कि कांग्रेस इस बयान के परिप्रेक्ष्य में देश को बताए कि उसके शासनकाल में काम कर रहीं जाँच एजेंसियाँ क्या गलत थीं? यूपीए सरकार के समय क्या सुप्रीम कोर्ट ने ‘इस दुर्लभतम अपराध’ में गलत फैसला दिया था?

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री साव ने इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की खामोशी पर भी सवाल खड़ा किया कि क्या छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के निर्देश पर ऐसी राष्ट्रविरोधी बातों पर मुंह पर ताला लगाकर चुप रहेंगे? या, राष्ट्रहित में कम-से-कम ऐसे बयानों की निंदा करने की हिम्मत छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता दिखाएंगे?

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