लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कानून और सहायता केंद्र मौजूद हैं, लेकिन पुरुषों के उत्पीड़न के मामले अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, भीलवाड़ा के समाजसेवी मोहम्मद हारून रंगरेज ने पुरुष उत्पीड़न केंद्र खोलने की मांग उठाई है। हारून रंगरेज का कहना है कि यदि किसी महिला के साथ अन्याय होता है, तो उसे न्याय दिलाने के लिए तमाम सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं सक्रिय होती हैं। लेकिन यदि किसी पुरुष के साथ अन्याय हो जाए, तो उसके पास अपनी आवाज उठाने का कोई उचित मंच नहीं होता। उन्होंने कहा, सिर्फ महिला उत्पीड़न के मामलों पर कार्रवाई करना सही नहीं है, जब तक कि दूध का दूध और पानी का पानी न हो। न्याय सभी के लिए समान होना चाहिए। मोहम्मद हारून रंगरेज ने इस पहल के जरिए लैंगिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। इस मांग को लेकर मोहम्मद हारून रंगरेज अब प्रशासन और सरकार से अपील करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि महिला सशक्तिकरण जरूरी है, लेकिन पुरुषों को भी न्याय मिलना चाहिए। एक तरफा कार्रवाई से समाज में असंतुलन पैदा हो सकता है। उनकी इस मांग को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों का समर्थन मिल रहा है। यदि प्रशासन इस ओर ध्यान देता है, तो यह पहल न्याय के नए आयाम खोल सकती है।