राजीव कुमार शर्मा –   (DGP) “संघर्ष, सिद्धियाँ और सेवा की महान यात्रा”

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजीव कुमार शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में हुआ, लेकिन उन्होंने अपने प्रशासनिक जीवन की ऊँचाइयों को राजस्थान में प्राप्त किया। बचपन से ही उनमें अध्ययन और सेवा भावना की झलक थी। उन्होंने स्नातकोत्तर (MA) और एम.फिल (MPhil) जैसे उच्च शिक्षण प्राप्त किए, जो बाद में उनके पुलिस सेवा के कार्य में अनुसंधान, रणनीति और संवेदनशील नेतृत्व के रूप में दिखाई पड़ा।

शिक्षा के प्रति उनका समर्पण न केवल डिग्री तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने पूरी सेवा के दौरान प्रशासन में वैचारिक गहराई और नीतिगत दृष्टिकोण बनाए रखा।

संघर्षों और सिद्धांतों की नींव

राजीव कुमार शर्मा ने वर्ष 1990 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश किया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने राजस्थान कैडर को चुना, जो आगे चलकर उनकी कर्मभूमि बन गया।
झालावाड़, दौसा, राजसमंद, भरतपुर, जोधपुर और जयपुर ट्रैफिक जैसे जिलों में बतौर SP उनकी तैनाती रही। शुरुआती वर्षों में ही उन्होंने एक ऐसे अफसर की छवि बनाई जो कठिन क्षेत्रों में भी जन-विश्वास बनाए रखता है और अपराध से समझौता नहीं करता।

उल्लेखनीय सेवाएँ और उपलब्धियाँ

1. भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुखर योद्धा (DG, ACB)

राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के प्रमुख के रूप में उन्होंने सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बड़े ट्रैप ऑपरेशनों का सफल नेतृत्व किया।
उन्होंने शिकायतों के लिए डिजिटल पोर्टल, गुप्त सूचनाओं की संरक्षित प्रणाली और एजेंसी को निष्पक्ष एवं जन-विश्वासपूर्ण बनाया।

2. राष्ट्रीय स्तर की सेवाएं (CBI, संयुक्त निदेशक)

CBI में संयुक्त निदेशक के रूप में उन्होंने देश के कुछ संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच को अत्यंत पेशेवर, निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित बनाया।

3. पुलिस अनुसंधान एवं प्रशिक्षण में नेतृत्व (DG, BPR&D)

नई दिल्ली स्थित ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D) में डीजी रहते हुए:

उन्होंने साइबर अपराध, महिला सुरक्षा, कैदी सुधार, और थाना आधुनिकीकरण पर राष्ट्रीय रिपोर्ट्स तैयार करवाईं।

पूरे देश की पुलिस को आधुनिक और नागरिकोन्मुखी बनाने हेतु माड्यूल तैयार कराए।

जेंडर-सेंसिटिव पुलिसिंग, मानवाधिकार प्रशिक्षण, और थाने में जवाबदेही मॉडल प्रस्तुत किए।

4. राज्य में कानून व्यवस्था की रीढ़

IG और ADG के रूप में भरतपुर, बीकानेर जैसे साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और न्यायोचित बल प्रयोग की मिसालें पेश कीं।
जयपुर ट्रैफिक एसपी रहते हुए उन्होंने राजधानी की यातायात व्यवस्था में व्यावहारिक और स्थायी बदलाव किए।

5. प्रशिक्षण और नेतृत्व निर्माण (Director, RPA)

राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) के निदेशक के रूप में उन्होंने प्रशिक्षण में तकनीकी साधनों, मानवाधिकार शिक्षा, और नैतिक पुलिसिंग को शामिल किया। सम्मान एवं पहचान

राजीव शर्मा को उनकी सेवा के लिए कई बार सम्मानित किया गया:

राष्ट्रपति पुलिस पदक (President’s Police Medal for Distinguished Service)

Police Medal for Meritorious Service

CBI और ACB में कार्यकाल के दौरान आंतरिक प्रशंसा-पत्र

प्रशासनिक क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने हेतु सिविल सोसाइटी संगठनों से मान्यता

नेतृत्व की दृष्टि

राजस्थान जैसे राज्य को आज एक ऐसे DGP की आवश्यकता है जो सिर्फ वर्दीधारी अधिकारी नहीं, बल्कि जनमानस और लोकतंत्र के बीच सेतु बने। राजीव कुमार शर्मा में वह अनुभव, संतुलन और नैतिक साहस है।

भ्रष्टाचार मुक्त पुलिस व्यवस्था
जनता के लिए उत्तरदायी थानों की स्थापना महिलाओं, बच्चों, वंचितों की सुरक्षा को प्राथमिकता पुलिस बल का डिजिटल और साइबर उन्नयन राजनीतिक दबावों से मुक्त निष्पक्ष पुलिसिंग

राजीव कुमार शर्मा की जीवन यात्रा प्रशासनिक सेवाओं का एक जीवंत उदाहरण है — जहाँ संघर्ष, कर्तव्य, साहस, और नवाचार मिलकर सेवा को महान बनाते हैं।

वह ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने हर जिम्मेदारी को न केवल निभाया, बल्कि उसे एक आदर्श में बदला। आज जब वे राजस्थान के पुलिस महानिदेशक के पद पर हैं, तो यह सिर्फ पद नहीं, जनता के विश्वास और लोकतांत्रिक व्यवस्था की कसौटी है।

राजस्थान को उनसे केवल कड़ी पुलिसिंग नहीं, बल्कि न्याय, संवेदनशीलता और भरोसे की उम्मीद है और यह उम्मीद उनके जीवन की कहानी से पूरी तरह जुड़ी हुई है।

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