पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

0
68
- Advertisement -

 

संवैधानिक पद की मर्यादा का ध्यान रखें जूली, हवा में बात करने से हकीकत नहीं बदलती – राठौड़

राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ के लगभग 11,000 एमओयू हुए

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

जयपुर,।(रूपनारायण सांवरिया) राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष  टीकाराम जूली जी द्वारा राइजिंग राजस्थान को लेकर दिये गये बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ”तराजू हाथ में लेकर खुद बेकसूर बन बैठे पर इतिहास उठाकर देख लो, कितने कसूर कर बैठे”।  टीकाराम जूली जी, मैं स्वयं नेता प्रतिपक्ष रहा हूं और मैंने इस पद की गरिमा और जिम्मेदारी को बखूबी समझा है लेकिन कांग्रेस की तरह विधानसभा में सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद कभी नहीं रहा। मैंने मेरे कार्यकाल के अंदर कभी भी सामाजिक सम्मान जैसे ‘दादी’ शब्द को लेकर सदन में गतिरोध उत्पन्न करने जैसी घटना को अंजाम नहीं दिया था।
राठौड़ ने कहा कि “राइजिंग राजस्थान” को “लाइजिंग राजस्थान” बनाने के आपके आरोपों को मैंने पढ़ा। अच्छा रहता कि आप 35 लाख करोड़ के एमओयू में से किन-किन एमओयू में तथाकथित लाइजिंग हुई है उसका तर्कसंगत व सत्यता के साथ खुलासा करते। हवा में बातें उछालने से हकीकत नहीं बदलती। आप नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हैं, इस पद की मर्यादा का भी ध्यान रखें। आपने जमीन हथियाने का जो आरोप लगाया है तो आप यह खुलासा करें कि कितनी फर्जी कंपनियों ने जमीन हथिया ली? इसकी सूची जारी करें ! महज आरोप लगाने से सच्चाई नहीं बदलती, हिम्मत है तो प्रमाण पेश करें।

एमएसएमई के लिए 9400से ज़्यादा एमओयू, कांग्रेस राज में छोटे उद्यमियों को अपमानित होना पड़ता था

राठौड़ ने कहा कि आप कहते हैं कि यह 35 लाख करोड़ का आंकड़ा कहां से आ गया। मैं बताना चाहता हूं कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ के 10 हजार 500 से अधिक एमओयू भजनलाल सरकार की कड़ी मेहनत का परिणाम हैं। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन चार माह के अल्प समय में किया गया लेकिन फिर भी प्रयासों में किसी भी प्रकार की कोई कमी नही छोड़ी गई। इस अल्प अवधि में ही 8 अंतर्राष्ट्रीय, दिल्ली-मुम्बई में 4 राष्ट्रीय, 8 विभागीय प्रीसमिट और सभी 50 जिलों में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन भी किया गया। हमारी सरकार ने पहली बार निवेशकों को ऑनलाईन एमओयू के आवेदन के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान किया, जिसके कारण बिना किसी रोक-टोक के निवेशकों ने एमओयू के लिए आवेदन किया। इसी कारण एमएसएमई इकाइयों के लिए 100 करोड़ रूपये से कम के 9486 एमओयू प्राप्त हुए। कांग्रेस के समय में तो छोटे और मंझले उद्यमियों को अपमानित होना पड़ता था। उन पर ध्यान भी नहीं दिया जाता था।

राठौड़ ने कहा कि आज 3 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों का कार्य प्रारंभ हो चुका है। राज्य सरकार ने इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए त्रिस्तरीय रिव्यू मेकैनिज्म बनाया है। हर विभाग और जिले में डेडिकेटेड टीम बनाई है जो इन एमओयू की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है ताकि निवेश का हर प्रस्ताव समय पर कार्यान्वित हो सके। स्वयं मुख्यमंत्री स्तर पर तीन माह में एमओयू की निरंतर समीक्षा की जा रही है।
राठौड़ ने कहा कि आपके कार्यकाल में निवेशक फोन तक उठाने को तैयार नहीं थे इसलिए पिछली कांग्रेस सरकार में इन्वेस्ट समिट के 12.5 लाख करोड़ के एमओयू में से मात्र 2% ही धरातल पर उतर सके जबकि भाजपा सरकार के राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट ने निवेशकों का विश्वास बहाल किया जिसकी बदौलत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट धरातल पर आ रहे हैं, हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है लेकिन हैरानी है कि आपको बेचैनी हो रही है।
राठौड़ ने कहा कि शायद आपको अब प्रदेश की बढ़ती हुई जीडीपी से भी अपच है। सरकारी आंकड़ों पर आपको विश्वास नहीं है तो फिर आपने सदन में इस पर आपत्ति दर्ज क्यों नहीं की ? राजस्थान बजट 2025-26 के पैरा संख्या 2 में स्पष्ट उल्लेख है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी के कुशल नेतृत्व में राजस्थान की जीएसडीपी 19.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है और 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था 350 बिलियन डॉलर होगी। लेकिन यह आंकड़े भी आपको हजम नहीं हो रहे क्योंकि कांग्रेस ने कभी प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी ही नहीं।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में रिकॉर्ड 16 नीतियां बनाईं जिससे पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा मिला। यही वजह है कि कांग्रेस आज तक हमारी सरकार पर कोई कारगर आरोप नहीं लगा पाई क्योंकि हमने पारदर्शी नीति से शासन किया और आपने अनीति से। जूली जी, आप झूठ और भ्रम की राजनीति से बाहर आइए और राजस्थान के विकास में साझा भागीदार बनिए। नहीं तो जनता का फैसला 2028 में भी वैसा ही रहेगा जैसा 2023 में था।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here