लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली/ श्रीनगर/ जैसलमेर पंजाब। आखिरकार पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों पर उतर गया है। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में एलओसी पर मोटर्रा और तोप से हमले किए। पाकिस्तान के हमलों से 2 दिन में 16 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है । एलओसी पर भी निशाना साधा। गुरुवार रात को जम्मू ,पठानकोट, उधमपुर के सैनिक ठिकानों पर मिसाइल ग्राउंड धागे, भारत तुम्हें नष्ट कर दिया हमलो को विफल कर दिया। यही नहीं भारत के डिफेंस सिस्टम s400 सुदर्शन चक्र ने पाक के ड्रोन को हवा में मार गिराया, जिससे जमीन पर कोई असर नहीं हुआ । पाक के कई शहरों में भारत ने भी ड्रोन से हमला किया। 1971 के बाद भारत ने पहली बार रावलपिंडी में सीधी कार्यवाही की । पाक सेना की प्रवक्ता ने कहा कि भारत के चार ड्रोन रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय तक पहुंच गए।
48 घंटे में ही पाकिस्तान की कमर टूटी सुरक्षा कवच दुनिया ने भी मुंह मोड़ा
भारत के ड्रोन अटैक के सामने गुरुवार को पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम एक्सपोज हो गया पाकिस्तान ने चीन से हक 9 बोर्ड एयर डिफेंस सिस्टम लिया है । भारत के दर्जनों ड्रोन पाक के एयर डिफेंस सिस्टम को ठेंगा दिखाकर कई शहरों में टारगेट पर पहुंच गए। पाकिस्तानी सेना भारत के किसी भी ड्रोन को रोकने में सफल नहीं हो सकी।
पाकिस्तान सेना चीफ विफल
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले और पहलगाम के आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिफ मुनीर अब खुद भी अपने ही जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। बलूचिस्तान, अफगानिस्तान की सरहद पर भारत पाकिस्तान सेना के कई कौर कमांडर भारत के साथ मोर्चा खोलने पर मुनीर के खिलाफ बगावत कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इन कमांडरों का मानना है कि पाक की सेना आधी अधूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है।
मुस्लिम देशों ने मुंह फेरा
भारत ने जब आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया तब पाकिस्तान को उम्मीद थी कि पूरा इस्लामी जगत उसके साथ खड़ा होगा। मदद नहीं मिलने पर उसने गुहार भी लगाई। लेकिन 57 इस्लामी देशों के संगठन आईसी ने न तो आपात बैठक बुलाई और न ही पाक के समर्थन में कोई बयान जारी किया । सऊदी अरब ने भी खामोशी ओढ़ ली। न यूएई और कतर जैसे देशों ने तो भारत का खुलकर समर्थन भी कर दिया।
जैसलमेर में ड्रोन और मिसाइल से अटैक
1965 और 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी एयरफोर्स में जैसलमेर बाड़मेर सहित जोधपुर तक बमबारी की थी। पाक ने बुधवार रात 54 साल बाद फिर राजस्थान के तीन एयरबेस बीकानेर के नाल, जोधपुर के फलौदी और बाड़मेर के उत्तरतलाई को टारगेट करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेवा ने उन्हें हवा में खत्म कर दिया।
पश्चिमी सीमा पहले से कई गुना मजबूत
अभी पश्चिमी सीमा पिछले युद्ध से सबक लेते हुए भारतीय सेवा ने पिछले दो दशक में पश्चिमी सीमा को अभेध बना लिया है ।अब पाकिस्तान मिसाइल विमान विद्रोह के लिए घुसना संभव नहीं है क्योंकि हमारी सेना घुसने से पहले ही उनका विमान संर्विलांस सिस्टम में लेकर उसे उड़ा देती है । एस 400 सुदर्शन चक्र और सुपर सैनिक राफेल व सुखोई जैसे विमान यहां पर 24 घंटे तैनात है।
पाक पाक के इरादों को किया नापाक
अब हमारी क्षमता कई गुना सीमा से जोधपुर की हवाई दूरी करीब 300 किलोमीटर है। सूरतगढ़ ,नाल, फलोदी ,जैसलमेर ,उत्तर तलाई, भुज, एयरबेस की हवाई दूरी 50 से 150 किलोमीटर ही है। यदि कोई मिसाइल, फाइटर जेट या ड्रोन घुसता है तो भारतीय सेना उसे अब 15 से 20 सेकंड में ही मार गिराती है। पिछले दो युद्ध में जोधपुर में मिलिट्री एयरबैस नहीं था, 1971 के बाद वहां एयरफोर्स की 32 स्विंग डेजर्ट वॉरियर्स की स्थापना के बाद लड़ाकू विमान की तैनाती हो गई है, जिससे भारतीय सेवा काफी मजबूत है।