हिंडौन सिटी।
संवाददाता:- चरण सिंह डागर
करौली । एसपी ने अभ्यास सत्र में भाग लिया तथा पुलिस जवानों को दंगा में बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार धैर्य एवं संयम बरतते हुए कानून व्यवस्था बनाने के लिए पक्षपात रहित आवश्यक कदम उठाने के लिए आदेशित किया।
SP की विशेष पहल पर आवश्यक एवं रोमांचकारी अभ्यास सत्र से पुलिस जवान रोमांचित तथा प्रसन्न नजर आए।
अभ्यास सत्र के दौरान पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय एवं जिले के आला पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में बलवा परेड के अभ्यास के तहत जिला पुलिस रैपिड एक्शन फोर्स की 83 बटालियन के अधिकारी और जवानों और दंगाइयों के बीच पुलिस लाइन में हुई जोरदार भिड़ंत का अभ्यास किया।
इस दौरान पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने ही दंगाइयों व पुलिस का रोल अदा किया।
पुलिस अधीक्षक ने सर्वप्रथम बलवा या दंगा होने की स्थिति में भीड़ को कैसे नियंत्रित किया जाए, कैसे प्रदर्शनकारियों के पत्थरों से खुद का बचाव करते हुए उन्हें खदेड़ा जाए, प्रदर्शनकारियों को पुलिस की चेतावनी से लेकर आंसू गैस के गोले दागने, हैंड ग्रेनेड, रबर बुलेट का प्रयोग करने, वाटर कैनन से भीड़ को तितर बितर करने के संबंध में विस्तार से ब्रीफ किया।
जवानों को अशुंगैस वाटर कैनन का प्रयोग सिखाया
तत्पश्चात बलवा मॉक ड्रिल रिहर्सल परेड में पुलिस जवानों व अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाई गई। जिसमें टियर गैस पार्टी, अश्रु गैस पार्टी लाठी पार्टी राइफल पार्टी मेडिकल पार्टी वाटर कैनन पार्टी को अपना-अपना कार्य तय कर दिशा निर्देश दिए गए
इसके उपरांत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस अधिकारियों ने बात की। उन्हें लाउडस्पीकर के माध्यम से समझाने की कोशिश की गई । किंतु लोगों की भीड़ उग्र हो गई एवं पुलिस पर पथराव करने लगे। यह देख पुलिस ने उन्हें लाउडस्पीकर के माध्यम से तितर बितर होने की चेतावनी दी।
दंगाइयों से निपटने की दी ट्रेनिंग
प्रदर्शनकारियों को उग्र होते देख पुलिस ने मोर्चा संभाला। दंगाइयों पर हल्का बल प्रयोग किया। दंगाइयों के द्वारा पुलिस पर पत्थर फेंकने के बाद पुलिसकर्मियों ने अपना बचाव करते हुए आंसू गैस के गोले दागे । हैंड ग्रेनेड का प्रयोग किया और भीड़ को तीतर भीतर किया ।
अधिकारियों ने जवानों को जांचा परखा
रैपिड एक्शन फोर्स के अधिकारियों का जवानों के साथ करौली पुलिस ने बलवा को लेकर अपनी तैयारी को जांचा व परखा । बलवा मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास पुलिस बल की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने में सहायक होते हैं।