टारगेट किये जा रहे हैं विधायक, काम के लिए धमकाना बुरी बात नहीं ?

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जयपुर। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से लगातार कुछ विधायकों के बयानों को लेकर समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में जानबूझकर उनको टारगेट किया जा रहा है। विधायकों में चुनाव जीतने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों में जो बयान दिया था वह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी और विधायकों ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जो जो कर्मचारी -अधिकारी काम करना नहीं चाहिए या जो अपनी कार्यशाली में बदलाव नहीं करना चाहिए उसे अपना तबादला कर लेना चाहिए। मुझे लगता नहीं है कि इसमें किसी विधायक ने कोई गलत बात कही है ।क्योंकि लोगों ने सरकार को इसीलिए बदला है ना कि क्योंकि लोग पुरानी सरकार से परेशान थे, लोगों के काम नहीं हो रहे थे, जब लोगों ने सरकार बदल दी है तो जो सरकार में मौजूद कर्मचारी- अधिकारी उन्हें भी अपना काम करने की स्टाइल बदल नहीं होगी । इसमें गलत कहां कहा गया है लेकिन पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर कुछ समाचार पत्रों में और सोशल मीडिया पर उन विधायकों और नेताओं को टारगेट किया जा रहा है जो सालासर गलत है।

बाबू सिंह राठौड़

शेरगढ़ से भाजपा विधायक बाबू सिंह राठौड़ 17 दिसंबर को कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे इसी दौरान उनकी लाइट चली जाती है । लाइट जाने के पर बिजली विभाग के अधिकारियों कहते हैं कि अब ऐसा नहीं चलेगा यदि दोबारा से ऐसा होगा सस्पेंड कर दूंगा। अब आप इसमें यह समझने की कोशिश करें कि इसमें गलत क्या कहा हमने क्या एक विधायक अपनी बेइज्जती कराएगा क्या? और इसी तरह से लाइट जाती रहे और जब जनता का कार्यक्रम हो जनता को संबोधित कर रहा हो और उसे समय लाइट चली जाए तो क्या विधायक है जिसने लाइट काटी है, जिसके समय में लाइट कटी है ,उसे सम्मानित किया जाएगा । माला और साफा पहनाया जाएगा ऐसा तो नहीं कर सकता और यदि विधायक ने तात्कालिक रूप से जो उनसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी उसने यह कह दिया कि उसे अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए नहीं तो सस्पेंड कर दूंगा इसमें बताइए आपने कहां गलत है?

लालाराम बैरवा शाहपुरा

भीलवाड़ा शाहपुरा से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक लालाराम बैरवा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बात कर रहे हैं और वह कहते हैं कि इलाके में जो अवैध कोयला भट्टियां चल रही है उनको त्वरित गति से बंद कर दिया जाना चाहिए । इस पर मौके पर मौजूद एसडीम निशा बोलती है कि पहले नोटिस दिया जाएगा उसके बाद बंद किया जाएगा। इस पर विधायक कहते हैं कि जब भाई अवैध रूप से कोयला भट्टी चलाने वाले ने आपसे किस तरह की अनुमति नहीं ली है ,प्रशासन से किस तरह की अनुमति नहीं हुई है तो फिर इसमें उसे नोटिस देने की कहां जरूरत आ गई? उसे तुरंत भारत बंद किया जाए । इसके बाद जब एसडीएम साहिबा विधायक से बहस करने लगी तो विधायक ने कहा कि देखिए मैडम आपकी नई-नई नौकरी है, आप परेशानी में आ जाएंगी? आपको जो कहा जा रहा है वह करें और इलाके के लोगों को राहत दें। आपको बता दे की भीलवाड़ा के कोटड़ी इलाके में एक नाबालिक बच्ची को कोयले की अवैध भट्टी में दुष्कर्म करने के बाद जिंदा जला दिया गया था जिसकी हड्डियां भ्रमित हुई थी और इस घटना के बाद भी सरकार ने इलाके में चल रही सभी अवैध कोयले की भर्तियां बंद करने के निर्देश दिए थे सरकार ही तो चली गई लेकिन इलाके से अमित घटिया बंद नहीं हुई ऐसे में यदि नवनिर्वाचित विधायक में इस तरह की अवैध भट्ठियों को बंद करने के लिए अधिकारी को किसी तरह की फटकार लगा दी तो इसमें कोई बुराई वाली बात नहीं नजर आती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो अधिकारी कर्मचारी की जनता के काम नहीं करेगा उसे अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए। यहां से जाने के लिए तैयार रहना चाहिए । अब इसमें उसे विधायक महोदय की गलती क्या है? या तो वह जनता के काम नहीं करें या अधिकारियों को मनमर्जी करने दे से है या अधिकारियों को अपनी मनमर्जी करने की छूट दे दे तो ऐसा तो हो नहीं सकता जिस विधायक को चुने इसलिए गया है क्योंकि पूर्व में जो विधायक थे यह सरकार थी उन्होंने काम नहीं किया अब इसको बार-बार टारगेट किया जा रहा है कि विधायक में अधिकारी को धमकाया इसमें अधिकारी को धमकाया कहां उन्होंने सीधा-सीधा कहा है कि जो काम नहीं करेगा उसको अपनी ट्रांसफर कर लेना चाहिए और जो काम अवैध है उसको बंद करने में नोटिस किस बात का दिया जाना चाहिए तो इस तरह से जानबूझकर नेताओं को टारगेट किया जा रहा है जबकि ईमानदारी से उन्होंने नियम अनुसार ही काम करने के लिए कहा है और जो काम करने में असमर्थ अधिकारी है उन्हें ट्रांसफर करने के लिए कहा है।

उदयलाल भंडाना

भीलवाड़ा के मांडल से भाजपा विधायक उदय लाल भंडाना ने कहा कि अब गुंडा तत्वों का एनकाउंटर किया जाएगा। जनता को न्याय दिलाने का काम करेंगे सरकार ने पुलिस को कह दिया ज्यादा हो तो एनकाउंटर कर दो तो यह इस तरह के बयान जब कोई नेता देता है तो बहन को तोड़ मरोड़ करके पेश करने की वजह पूरा दिखना चाहिए ताकि उसका पूरा अर्थ समझ में आए। जब कोई सार्वजनिक कार्यक्रम चल रहा हो और कार्यक्रम को संबोधित कर रहा हो क्या नेता के बयान के आधार पर ही पुलिस अधिकारी एक्शन लेते हैं, कार्यवाही करते हैं ऐसा तो नहीं है तो जिस समय ओमप्रकाश भडाणा ने बयान दिया होगा उसे समय क्या स्थिति रही है उसे पूरी स्थिति को किसी भी समाचार पत्र सोशल मीडिया दिखाने की कोशिश नहीं की, लेकिन उसका एक पीस काटकर बता दिया कि विधायक ओमप्रकाश भडाणा है उसने एनकाउंटर करने की बात कही है। जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी और सरकार संगठित अपराध है उसे रोकने का काम करेगी। गैंग्स और गैंगस्टर को खत्म करने का काम करेगी तो मुख्यमंत्री ने जो कहा है वही बात विधायक ने कही है। लेकिन टारगेट एक विधायक किया जा रहा है जो गलत है।

डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा

दूदू से चुनाव जीतने और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा ने 1 सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि यहां पिछले 5 साल से एक नेताजी ने अधिकारी कर्मचारियों को एक पार्टी का कार्यकर्ता बना रखा है। कर्मचारी अधिकारी सिर्फ एक पार्टी के लोगों का काम करते हैं और सिर्फ नेताजी का कहना मानते हैं। जनता के काम करने होंगे दूदू में रहना तो जनता के काम करने होंगे और जो जनता के काम करना नहीं चाहता है वह अपना ट्रांसफर अभी से करा ले ,वरना उसका ट्रांसफर होना तय है । उसको अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए । अब इस बयान में उपमुख्यमंत्री जी ने क्या गलत कह दिया। क्या वह जिन मतदाताओं के आधार पर चुनाव जीतकर आए हैं उन्हें यह भरोसा भी नहीं दिला सकते कि हां उन्होंने जो चुनाव किया है, जो वोट दिया है उसे वोट के आधार पर उनका काम होगा और यहां सेवक बनकर काम करना होगा । उन्होंने यही तो कहा कि जो यहां अधिकारी कर्मचारी पोस्टेड है उसको जनता का सेवक बनकर काम करना होगा। क्योंकि अब सरकार बदल गई है, उसे सरकार की प्राथमिकताएं बदल गई है। इसमें कहां से गलत है इसमें कौन सा वाक्य गलत है लेकिन जानबूझकर कुछ लोगों ने उसको भी विवाद बना दिया कि यहां पर जो है ,विधायकों पर अधिकारियों को धमकाने के आरोप लग रहे । अधिकारियों कर्मचारियों हो या फिर विधायक सबको जनता के काम कर रही होंगे क्योंकि सब जनता की सेवा की कोई मालिक नहीं है लेकिन कुछ अधिकारी कर्मचारी अपने आप को नौकरी लगने के बाद जनता के सेवक की जगह मलिक समझते हैं और यही कारण है कि फिर विधायकों को जब सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं तो इस तरह के बयान देने पड़ते हैं इसके कई करके अर्थ निकाले जाते हैं।

संदीप शर्मा

कोटा भाजपा के ही कोटा से विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि उन्होंने कहा की अवैध नॉनवेज की दुकानों को तीन दिन में हटा ले नहीं तो दुकान बंद कर दी जाएगी । इसके साथ उन्होंने न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंबुलेंस और अन्य काम में लेने वाले ओपीडी में वरिष्ठ शिक्षकों को नहीं बैठने पर नाराजगी व्यक्त की अब डॉक्टरों का कम उपयोग में बैठना है अगर वह ओपीडी में नहीं बैठते हैं तो कहां बैठेंगे और क्यों नहीं बैठेंगे जनता की सेवा के लिए उनका चयन हुआ है ओपीडी में जनता की सेवा करनी चाहिए ना या घर पर सिर्फ मैरिज पैसों की वजह देखेंगे। इसमें गलत क्या है लेकिन कुछ लोग मदन दिलावर मदन दिलावर के बयान तो हमेशा विवादों में रहते हैं इस बार भी उन्होंने कहा कि अधिकारियों को की वार्डों में काम करना शुरू कर दें सरकार किसी भी दल की हो अधिकारियों को भेदभाव नहीं करना चाहिए ।रंगबाड़ी में मकान के बाहर चबूतरा तुड़वा दिया इस तरह के बयान है अब इस तरह की करें तो इस समस्या पर है क्योंकि देखिए विधायक है जनता का प्रतिनिधि है और उसे जनता की उम्मीद होती कि उसके काम हो और वह अपने कामों को अधिकारी और कर्मचारियों के माध्यम से करना चाहते हैं लेकिन कई कर्मचारी अधिकारी काम करना नहीं चाहते काम को रोकने के बहाने 50 सकते हैं ऐसे में जब नेता सार्वजनिक रूप से उन्हें किसी तरह की बात करता है या निर्देश देता है तो उसका बयान को तोडूंगा रोड पर इस तरह किया जाता है जैसे उन्होंने पता नहीं क्या कर दिया हो तो भैया ऐसा है जब सरकार बदल गई तो बदलनी पड़ेगी और जो प्राथमिकताएं नहीं बदलेगा इसमें किसी को नाराज होने की जरूरत नहीं है और सब लोग सेवा के लिए आए हैं सरकारी कर्मचारी अधिकारी का चयन भी सेवा के लिए हुआ लेकिन मालिक बन बैठे हैं मालिक बनने वाली प्रथम बदल नहीं होगी और नेता भी क्या है नेताओं को लगता है कि वह कोई मालिक नहीं है वह भी सेवक है इसलिए नेताओं को भी सेवक बनकर रहना होगा हालांकि मान सम्मान सबका बकरा रखना चाहिए लेकिन मान सम्मान के साथ यह भी जरूरी है कि जनता का काम होना चाहिए। जनता के काम करने के लिए उन्हें इस तरह के निर्णय लेने ही पड़ेंगे लेकिन लोगों को समझना होगा कि जो सेवक है वह भी हमारे बीच का व्यक्ति है। कर्मचारी अधिकारी आता है एग्जाम पास करके आता है। बड़ी मुश्किल से सिलेक्ट होता है तो उसको भी अपने जिम्मेदारी का निष्ठा से पालन करना होगा। क्योंकि यह व्यवस्था सबके मिलजुल कर ही चलने से चलेगी ऐसा कोई एक व्यक्ति को चला नहीं सकता मैं रोक सकता इसलिए सबको व्यवस्था को ढंग से ही चलना पड़ेगा।

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