भाजपा की जांच कमेटी ने की संत की मौत की सीबीआई जांच की मांग, नड्डा, और शाह को सौंपी रिपोर्ट

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नई दिल्ली।राजस्थान में अवैध खनन के विरोध में संत विजय दास आत्मदाह के मामले में गठित भाजपा की चार सदस्य उच्चस्तरीय समिति ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। उच्च स्तरीय कमेटी में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के सचिव अरुण सिंह, सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती,पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद सत्य पाल सिंह ,सांसद एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ब्रजलाल शामिल थे। भाजपा की इस उच्चस्तरीय समिति ने भरतपुर जिले के पासौपा गांव का दौरा किया और गांव के लोगों से स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की। उच्च स्तरीय समिति ने विभिन्न स्तर पर तथ्यों को एकत्रित करके घटनास्थल का जायजा लिया । समिति उस क्षेत्र में पहुंची जहां अवैध खनन हो रहा था। आंदोलनकारियों से मिले ,पुलिस ,प्रशासन के अधिकारियों से तथ्यात्मक जानकारी ली।

सीबीआई जांच की मांग

दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि घटनास्थल का जायजा लेने के बाद हालात माह के काफी गंभीर और विकट नजर आए। स्थानीय लोगों मैं भारी आक्रोश और गुस्सा नजर आया। एक संत ने अवैध खनन और राजस्थान सरकार की अनदेखी के विरोध में अपने प्राणों की आहुति दे दी । संत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। अरुण सिंह ने कहा कि दोनों पर्वत ब्रज क्षेत्र के चौरासी परिक्रमा में आता है और दोनों ही पूजा स्तरीय है। लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है। इन दोनों क्षेत्रों में लगातार अवैध खनन हो रहा था।जिसके विरोध में 551 दिनों से धरने में विजय दास की शामिल थे। सरकार ने खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं की। साधु संतों ने मांग की थी उसको रोका जाए, पर कोई ध्यान नहीं दिया ।अरुण सिंह ने मंत्री जाहिदा खान और उनके बेटे साजिद पर खनन माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगाए। जिनकी सह के चलते ही अवैध खनन नहीं रुकता जा रहा था ।विजय दास ने आत्मदाह से पहले चेतावनी भी दी थी, मुंडन भी कराया था।लेकिन गहलोत सरकार ने ध्यान नहीं दिया एक साधु टावर पर चढा था। इसका नतीजा था कि साधु ने आत्मदाह कर लिया। अरुण सिंह ने सरकार पर और उनके मंत्रियों पर खनन माफियाओं से मिलीभगत के आरोप भी लगाए । साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साधु महात्माओं ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखा है। भारतीय जनता पार्टी में भी इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है।

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