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भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री, किसान का बेटा प्रेम बैरवा और राजकुमारी दीया उपमुख्यमंत्री

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जयपुर। सांगानेर से पहली बार विधायक चुने गए भजनलाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे ।भजनलाल शर्मा के नाम पर आज हुई विधायक दल की बैठक में सहमति बनी और बैठक के बाद भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला और उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने का एक पत्र सौंपा। इसके बाद राज्यपाल ने भजन लाल शर्मा को सरकार बनाने का न्योता दिया।

आपको बता दें कि भजन लाल शर्मा भरतपुर जिले के नदबई कस्बे के रहने वाले हैं प्रारंभिक शिक्षा नदबई में ही हुई है उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नाकोट किया है और वह गांव के सरपंच भी चुने गए हैं एक बार जिला परिषद के सदस्य भी रहे हैं और उसके बाद में जिला भरतपुर के अध्यक्ष रहे हैं ।महामंत्री रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं ।पिछले लंबे समय से वह प्रदेश भाजपा में पदाधिकारी हैं। सबसे पहले उन्हें उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बनाया था। उसके बाद भी प्रदेश में महामंत्री बनाए गए ।अध्यक्ष बदलते गए लेकिन भजनलाल शर्मा अपने पद पर बने रहे । अभी हाल ही में जब उन्हें सांगानेर से टिकट दिया गया था सबसे तो सब चौंक गए थे। भजन लाल शर्मा का सांगानेर के लोगों ने विरोध किया था। लेकिन जब संघ परिवार उनके साथ जुड़ा तो उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को 48000 वोटो से पराजित किया और सांगानेर से विधायक चुनेै गए ।सांगानेर से विधायक चुने जाने के बाद भी खुद भजनलाल शर्मा को यह पता नहीं था कि वह देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के मुख्यमंत्री चुने जाएंगे।

पत्नी और बेटों के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

क्योंकि यहां पर मुख्यमंत्री पद का सबसे बड़ा दावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का था ,जो दो बार पहले मुख्यमंत्री रह चुकी है। इस बार भी लोग उन्हें स्वाभाविक उम्मीदवार मानकर चल रहे थे । इसके अलावा कई विधायक 8-8 बार जीते हुए विधायक दल की बैठक में मौजूद थे । एक-दो विधायक छह बार कुछ विधायक पांच बार ,कुछ विधायक चार बार यानी की बहुत सारे विधायक एसे थे जो उनसे सीनियर थे। इसके बावजूद यह मोदी के जमाने की भाजपा है जहां कुछ भी हो सकता है यही कारण है कि भाजपा विधायक दल की बैठक होती है राजनाथ सिंह एक पर्ची निकालते हैं जो पर्यवेक्षक थे वह पर्ची वसुंधरा राजे के हाथ में पढ़ते हैं वसुंधरा की पर्च पर्ची देखी है पर्ची देखते ही चौंक जाती है और फिर मन से अनाउंस करती है जैसे ही म.च से भजनलाल शर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित किया जाता है पूरा सदन भारत माता की जय, बंसी वाले की जय से गूंज उठता है । और इसके बाद भाजपा मुख्यालय के बाहर भी लोग बंसी वाले की जय की जयकारे लगाते हैं । इसके बाद सभी नेता भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हैं । पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ,पार्टी के अन्य पदाधिकारी सभी चुने हुए विधायक उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। आपको बता दें कि भजनलाल शर्मा की पत्नी गीता देवी शर्मा ग्रहणी है। उनके दो बेटे हैं, एक बेटा अभिषेक शर्मा जो व्यापार करता है । दूसरा बड़ा बेटा डॉक्टर कुणाल शर्मा है जो एमबीबीएस डॉक्टर है और यह लोग जयपुर में ही रहते हैं । इनके पिता किसान और खनिज व्यवसाय से जुड़े हुए रहे हैं।

दीया कुमारी बानी उपमुख्यमंत्री

जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी पहली बार जयपुर की विद्याधर सीट से सबसे ज्यादा वोटो से जीतने वाली विधायक बनी है। इससे पूर्व राजसमंद की सांसद चुनी गई थी और उससे पूर्व सवाई माधोपुर की विधायक रह चुकी है। राजकुमारी दीया के चुनाव लड़ने के साथ ही इस बात के चर्चे शुरू हो गए थे कि इस बार दीया कुमारी को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है । लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की वीटो लगाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद पर ही संतोष करना पड़ा। पूर्व महाराजा भवानी सिंह की बेटी है और जयपुर राज दरबार की राजकुमारी है ।उनको उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से राजपूत समाज में जोश का संचार हुआ है और भारतीय जनता पार्टी का राजपूत समाज बड़ा वोट बैंक माना जाता है। राजकुमारी दिया को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से राजपूत समाज में अच्छा संदेश जाएगा और आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी को इसका लाभ जरूर मिलेगा।

किसान का बेटा प्रेमचंद बैरवा बना उपमुख्यमंत्री दूदू से दूदू से दूसरी बार विधायक बने डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा मोजमाबाद के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा दीक्षा मोजमाबाद में ही हुई है। उच्च शिक्षा राजस्थान कॉलेज में और उच्च स्तर शिक्षा राजस्थान यूनिवर्सिटी में हुई है ।राजस्थान यूनिवर्सिटी से ही प्रेमचंद बैरवा ने पीएचडी की है और वह भी किसान ही है खेती किसानी ही उनका आय का साधन है ।उनकी पत्नी का नाम नारायण देवी है जो ग्रहणी है। उनके दो बेटियां हैं और एक बेटा है तन्मय बैरवा है। प्रेमचंद बैरवा पहली बार 2013 में जिला परिषद सदस्य चुने गए थे ।उसके बाद विधानसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने दूदू से टिकट दिया और उन्होंने मौजूद पूर्व विधायक बाबूलाल नागर के छोटे भाई को पराजित किया था । इस बार खुद बाबूलाल नागर को पराजित कर विधायक चुने गए हैं और अब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया है। माना जा रहा है कि प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से समुचित दलित समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा और आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उसका लाभ मिलेगा। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में 6 सीटों से बैरवा समाज के लोगों को टिकट दिया और सभी की सभी 6 सीट भारतीय जनता पार्टी जीत कर आई है। अन्य सीटों पर भी बैरवा समाज के लोगों ने भाजपा को वोट दिए । प्रेमचंद बैरवा का कहना है कि वह ज्यादा से ज्यादा मंत्री की सोच रहे थे, कि हो सकता है सरकार इस बार मंत्री बना दे ।लेकिन उन्हें कचई इस बात का भरोसा नहीं था कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया जाएगा । हालांकि वर्ष 1998- 2003 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में बैरवा समाज से आने वाले वरिष्ठ नेता बनवारी लाल बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद यह पहली दफा है जब भारतीय जनता पार्टी ने किसी बैरवा समाज के व्यक्ति को उपमुख्यमंत्री बनाया है । ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रति दलित समाज का विश्वास और बढ़ेगा और उन्हें लगेगा कि भारतीय जनता पार्टी में भी दलित समाज के लोगों का मान सम्मान बरकरार है। प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का लाभ भारतीय जनता पार्टी को आने वाले लोकसभा चुनाव में मिलेगा और अन्य चुनाव में मिलेगा क्योंकि सभी सीटों पर बैरवा समाज के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है।

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