Home rajasthan अहंकार रहित भक्ति से ही जीवन की नैया पार संभव-सन्त एच.एस.चांवला

अहंकार रहित भक्ति से ही जीवन की नैया पार संभव-सन्त एच.एस.चांवला

0


कोटड़ी के शंकरपुरा ग्राम में निरंकारी सन्त समागम का आयोजन,उमड़े श्रद्धालु

लोकटूडे न्यूज़ नेटवर्क
माण्डलगढ़ न्यूज(केसरीमल मेवाड़ा) वर्तमान समय मे मानवमात्र अपने दुखों के निवारण के लिए दिखावे व अहंकार की भक्ति के माध्यम से दर-दर की भटकनों में समय व्यतीत कर रहा है। अज्ञानतावश सच्चे सतगुरु के अभाव में मिले अमूल्य जीवन के कीमती समय को व्यर्थ में गंवा रहा है। यदि मानव सच्चे सतगुरु की शरण मे जाकर ईश्वर के बोध की प्राप्ति कर ले तो उसका जीवन धन्य हो सकता है। व एकमात्र ईश्वर जो कि निरंकार रूप में सर्वत्र व्याप्त है की प्राप्ति उसे हो सकती है। वर्तमान समय मे झूठ,पाखण्ड,दिखावा, अंधविश्वास हर कही भरे पड़े है जिसकी जद में मानव शॉर्टकट के माध्यम से सुखों की चाह में ईश्वर की प्राप्ति के लिए ऐसे लोगों के प्रपंचो में उलझकर रह जाता है जिसके चलते मिले चौरासी लाख योनियों के बाद मानव जीवन को आनन्द प्राप्त किए बगैर खो देता है। प्रभु-परमात्मा निरंकार के रूप में हर पल,हर क्षण जर्रे-जर्रे में हमारे अंग संग विराजमान है। बस जरूरत है ऐसे सच्चे सद्गुरु की जो रमै राम की पहचान करवा सके व उसके दर्शन करवा सके। ये विचार सन्त श्री एच.एस.चांवला लुधियाना(पंजाब)मैंबर ऑफ एग्जीक्यूटिव कमेटी,सन्त निरंकारी मण्डल दिल्ली ने कोटड़ी के शंकरपुरा ग्राम में शुक्रवार को आयोजित निरंकारी संत समागम में व्यक्त कर उपस्थित सन्तो का मार्गदर्शन किया। सन्त समागम को सम्बोधित करते हुए भीलवाड़ा जोनल इंचार्ज श्री जगपालसिंह राणावत ने सेवा सत्संग व सिमरण के जरिए भक्ति कर जीवन को सफल बनाने पर जोर दिया। भक्त प्रहलाद की प्रभु भक्ति का उदाहरण देते हुए बताया कि जिस प्रकार भक्त प्रहलाद ने अनेक संकटो का सामना करते हुए भक्ति का मार्ग नही छोड़ा व ईश्वर ने उन पर आए संकटों में उनकी दृढ़ भक्ति के चलते सहायता की। ठीक उसी प्रकार हमें जीवन को सुखमय बनाने के लिए ब्रमज्ञानी सद्गुरु की शरण पाकर उस निराकार के दिव्य दर्शन की आवश्यकता है। सन्त-समागम में सन्त गणेश महात्मा,ओम महात्मा,गोल्डी महात्मा भीलवाड़ा,
गंगापाल महात्मा आसींद,सुखदेव महात्मा बोरखेड़ा,मुकेश कुमार समर्पित,दुर्गालाल महात्मा मोहनपुरा,सन्त रामलाल,भोपाल महात्मा शंकरपुरा सहित अन्य सन्तो ने गीत-विचार व काव्यपाठ कर उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन मे मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रेरणा प्रदान की। उधर सन्त समागम में आए
अतिथि सन्त चावला जी का आयोजक कोटड़ी ब्रांच के स्थानीय सन्त रामलाल,भोपाल रेबारी,भवानीराम तेली,दुर्गा लाल बंजारा, रामेश्वर लाल,मुकेश कुमार, दिनेश कुमार सहित अन्य सन्तो द्वारा राजस्थानी पगड़ी,दुपट्टा,स्मृति चिन्ह,मालाएं पहनाकर व पुष्पवर्षा कर स्वागत-सम्मान किया गया। कोटड़ी के शंकरपुरा में आयोजित सन्त समागम में भीलवाड़ा, माण्डलगढ़, शाहपुरा, मांडल, नन्दराय, नीमच, आसीन्द ,काछोला,
बडलियास, जहाजपुर सहित अन्य ब्रांचो के सैकड़ो श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version